तुलसी हाय गरीब की, कबहूँ न खाली जाय।
मुए ढोर के चाम से, लौह भस्म हो जाय ॥ 5 ॥ bhavarth
Answers
Answered by
10
तुलसी साथी विपत्ति के, विद्या विनय विवेक। साहस सुकृति सुसत्यव्रत, राम भरोसे एक। ...
सूर समर करनी करहिं कहि न जनावहिं आपु। ...
आवत ही हरषै नहीं नैनन नहीं सनेह। ...
तुलसी मीठे बचन ते सुख उपजत चहुं ओर। ...
तुलसी भरोसे राम के, निर्भय हो के सोए।
Answered by
7
Answer.
Please mark my answer in brainlist please
Attachments:
Similar questions