Hindi, asked by lokeshamb807, 2 months ago

तुलसी के अनुसार दया का मूल । *

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पाप

अभिमान

विपत्त

धर्म​

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Answered by prakashakash802
2

Answer:

धर्म

Explanation:

दया धर्म का मूल है पाप मूल अभिमान. तुलसी दास जी कहते हैं धर्म का मूल भाव ही दया हैं इसलिए कभी दया नहीं त्यागनी चाहिए.

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