Hindi, asked by Madhushri7629, 11 months ago

तुलसी की काव्य-शैली की दो विशेषताएँ सोदाहरण समझाइए।

Answers

Answered by ankit240987
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Answer:

(1) भाषा- तुलसी ने ब्रज एवं अवधी दोनों ही भाषाओ में रचनाएँ कीं। ... 'विनयपत्रिका', 'गीतावली' और 'कवितावली' में ब्रजभाषा का प्रयोग हुआ है। मुहावरों और लोकोक्तियों के प्रयोग से भाषा के प्रभाव में विशेष वृद्धि हुई है। (2) शैली- तुलसी ने अपने समय में प्रचलित सभी काव्य-शैलियों को अपनाया है।

Answered by bhatiamona
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तुलसी की काव्य-शैली की दो विशेषताएँ सोदाहरण समझाइए।

तुलसी के काव्य शैली की दो विशेषताएं इस प्रकार है :

भक्ति भावना : तुलसी सगुण विचारधारा के उपासक रहे हैं। वह प्रभु श्री राम के भक्त थे और अपनी कृतियों के माध्यम से उन्होंने श्री राम के प्रति अमिट भक्ति भाव का प्रदर्शन किया है। वह प्रभु श्री राम को अपना सब कुछ मानते थे, इसलिए उन्होंने प्रभु श्रीराम के जीवन चरित्र और  उनकी जीवन गाथा गायक सर्वोत्तम वर्णन किया है।

समन्वय भावना : तुलसी भक्ति लेखक होने के साथ-साथ एक लोक नायक व समाज के प्रहरी भी थे। उन्होंने सामाजिक आदर्शों की स्थापना करने का भी प्रयास किया है। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज के निराश व्यक्तियों के मन में आशा भरकर उन्हें भक्ति मार्ग पर चलने का प्रयास भी किया है। वह धार्मिक समन्वय के साथ चलने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने धर्म, ज्ञान, भक्ति, सभी क्षेत्रों में समन्वय स्थापित करने का प्रयास किया है।

#SPJ3

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