Hindi, asked by jhalkumarprajapati21, 3 months ago

तुलसी के सामान्य वादी कवि क्यों कहा जाता है उदाहरण सहित समझाइए​

Answers

Answered by hanshikachandra89
9

तुलसीदासजी समन्वयवादी के साथ-साथ मर्यादावादी भी थे। समन्वय के आवेश में उन्होंने कही भी धर्म के असत् रूप और लोक धर्म की विरोधी प्रवृत्तियों से समझौता नहीं किया। लोक मर्यादा का उल्लंघन, चाहे वह किसी भी रूप में हो, उनके लिए असह्य था। उनके मतानुसार मर्यादा के बिना अपने सामाजिक कल्याण आकाश-कुसुम के समान है।

Answered by hellosir001786
10

Explanation:

"तुलसीदासजी समन्वयवादी के साथ-साथ मर्यादावादी भी थे। समन्वय के आवेश में उन्होंने कही भी धर्म के असत् रूप और लोक धर्म की विरोधी प्रवृत्तियों से समझौता नहीं किया। लोक मर्यादा का उल्लंघन, चाहे वह किसी भी रूप में हो, उनके लिए असह्य था। उनके मतानुसार मर्यादा के बिना अपने सामाजिक कल्याण आकाश-कुसुम के समान है।

Similar questions