तुलसी साथी विपत्ती के विध्या विनय विवेक साहस सुकृती सुसत्यव्रत राम भरोसो एक । इस दोहे का भाव स्पष्ट कीजिए ?
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तुलसी साथी विपत्ती के विध्या विनय विवेक साहस सुकृती
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“तुलसी साथी विपत्ति के,विद्या विनय विवेक। साहस सुकृति सुसत्यव्रत, राम भरोसो एक॥” - गोस्वामी तुलसीदास जी (किसी विपत्ति के समय आपको ये सात गुण बचायेंगे: आपका ज्ञान या शिक्षा, आपकी विनम्रता, आपकी बुद्धि, आपके भीतर का साहस, आपके अच्छे कर्म, सच बोलने की आदत और ईश्वर में विश्वास।)
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