Hindi, asked by ppitamberdasvaishnav, 6 hours ago

तुलसी सरनाम गुलामु है राम को,
जाको रूचे सो कहै कछु ओऊ।
माँगि कै खैबो, मसीत को सोइबो,
लैबोको एकु न दैबेको दोऊ।
(क) अनुप्रास अलंकार के दो उदाहरण चुनकर लिखिए।
(ख) काव्यांश के भाषिक-सौन्दर्य पर टिप्पणी कीजिए।​

Answers

Answered by ShiwaniSngh
7

Answer:

(क) अनुप्रास अलंकार के दो उदाहरण चुनकर लिखिए।

="जाको रूचे सो कहै कछु ओऊ"

कहै और कछु मे क वर्ण की आवृति हो रही है।

=माँगि कै खैबो, मसीत को सोइबो,

माँगि और मसीत मे म वर्ण की आवृत्ति हो रही है।

(ख) काव्यांश के भाषिक-सौन्दर्य पर टिप्पणी कीजिए।

=भाषिक सौंदर्य

•ब्रज भाषा

•सवैया छन्द

•दास्य भव

•" लैबोको एकु न देबको दोऊ " मुहावरा

•,माँगि मसीत ,कहै कछु आदि मे अनुप्रास अलंकार ।

Answered by shishir303
0

तुलसी सरनाम गुलामु है राम को,  

जाको रूचै सो कहै कछु ओऊ।  

माँगि कै खैबो, मसीत को सोइबो,  

लैबोको एकु न दैबेको दोऊ।

(क) अनुप्रास अलंकार के दो उदाहरण चुनकर लिखिए।

➲ अनुप्रास अलंकार के दो उदाहरण हैं...

— ‘कहै कुछ’  

   एवम्  

—  ‘दैबेको दोऊ’  

(ख) काव्यांश के भाषिक-सौन्दर्य पर टिप्पणी कीजिए।

➲ काव्यांश के भाषिक सौन्दर्य में कविता में ब्रज भाषा का प्रयोग किया गया है। कविता में प्रासाद गुण का प्रयोग किया गया है। काव्यांश में शांत रस उद्घाटित हो रहा है, और काव्यांश में दो जगह अनुप्रास अंलकार का प्रयोग किया गया है।  

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