Hindi, asked by khilesvrsahu, 1 month ago

तुलसीदास के सामान्य वादी दृष्टिकोण पर विस्तार से प्रकाश डालिए​

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Answered by vaishnavi432
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Answer:

"तुलसीदासजी समन्वयवादी के साथ-साथ मर्यादावादी भी थे। समन्वय के आवेश में उन्होंने कही भी धर्म के असत् रूप और लोक धर्म की विरोधी प्रवृत्तियों से समझौता नहीं किया। लोक मर्यादा का उल्लंघन, चाहे वह किसी भी रूप में हो, उनके लिए असह्य था। उनके मतानुसार मर्यादा के बिना अपने सामाजिक कल्याण आकाश-कुसुम के समान है।

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