Hindi, asked by supriya4528, 4 months ago

. तुलसी दास के शरीर और मन के बारे में क्या विचार हैं?

please answer it​

Answers

Answered by radhika692
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Answer:

इस बात ने तुलसी को “गोस्वामी तुलसीदास” बना दिया। “अस्थि चर्म मय देह यह, ता सों ऐसी प्रीति ! अर्थात्, मेरा शरीर चमड़े से बना है, जो नश्वर है, फिर भी इस त्वचा से बहुत अधिक लगाव है. अगर आपने मेरा ध्यान छोड़ कर राम के नाम का ध्यान किया होता तो आप भवसागर से पार हो जाते।


supriya4528: thanks
radhika692: mark me brainliest
supriya4528: ok
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