Hindi, asked by Dualclick6389, 11 months ago

तुलसी यही संसार में, पंचरतन है सार। हरि भजन, संतमिलन, दया, दान, उपकार ।। 1 ।। meaning of this doha ​

Answers

Answered by richasingh17996
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Explanation:

तुलसीदास जी कहते है, इस संसार में सिर्फ पांच ही रतन है - हरि (विष्णु) का भजन (पूजा) करना, संतो से मिलना, दया, दान और उपकार।

लेखक यहाँ यह बताने की कोशिश कर रहा है कि हमे सदैव अच्छे कर्म करने चाहिए। हम इसीलिए इस दुनिया में आये है। हमने यह नहीं किया तो हमारा जीवन निरर्थक है।

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