तुम्हें जीवन में अपने दोस्तों और पड़ोसियों से क्या
प्रेरणा मिली, बताओ।
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मुझे अपने दोस्तों और पड़ोसियों से यह प्रेरणा मिली कि दुख व विपत्ति की घड़ी में घबराना नहीं चाहिए , धैर्य व हिम्मत से काम लेना चाहिए। सभी एक होकर रहेंगे तो संकट में भी रास्ता निकल आता है।
- मेरे पड़ोस में वर्माजी अपने परिवार के साथ रहते है। वे मेरे पिताजी के बचपन के मित्र है। एक समय में उनका अच्छा व्यापार चलता था। कभी कोई चिंता नहीं थी। लक्ष्मीजी की कृपा थी उन पर।
- कहा जाता है न वक्त कब पलटा खाए , कहा नहीं जा सकता। उन पर भी मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। वर्माजी को अचानक व्यापार में बहुत बड़ा नुक़सान हो गया, उन्हें घर के सारे जेवर तक बेचने पड़े , यहां तक कि उन्हें अपना घर भी गिरवी रखना पड़ा। उस संकट के समय उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। सभी ने मिलजुलकर काम किया, उनका बेटा उस वक्त विदेश से पढ़कर लौटा था, उसने पिता को ढांढस बंधाया। वर्माजी एक शो रूम में नौकरी करने लगे, बेटे को भी अच्छी कंपनी में नौकरी मिल गई, उनकी पत्नी ने घर में ही बच्चो को ट्यूशन देना शुरू किया , इस प्रकार पाई पाई जोड़कर उन्होंने सारा कर्ज चुका दिया व घर भी छुड़वा दिया।
- उनके धैर्य को देखकर सभी अचरज में पड़ गए , आज उन्होंने अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा फिर से प्राप्त कर ली है।
- अतः मुझे यह सीख मिली कि आप मेहनत व साहस से असंभव को भी संभव कर सकते हो।
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