तुम्हारी उदासी मेरे लिए बङी विधि रही है, मै जब भी तुमको उदास देखती थी तो यह समझती थी की मेरा जन्म सार्थक है ,तुमने इस गंधहीन पुष्प को चरणो तक पहुंचने देने के अयोग्य नही समझा की प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए
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aithalakkadi giri giri aaya sutta vadakari
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