तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा यह नारा किसने दिया था तथा इस नारे का 20 से 30 शब्दों में संक्षिप्त वर्णन कीजिए
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यह नारा सुभाष चंद्र बोस ने दिया था
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23 जनवरी 1897 को ओडिशा (तब के उड़ीसा) के कटक में जन्मे नेताजी सुभाष चंद्र बोस और ‘नेताजी’ के नाम से मशहूर सुभाष चंद्र बोस ने भारत को आजादी दिलाने के मकसद से 21 अक्टूबर 1943 को ‘आजाद हिंद सरकार’ की स्थापना की और ‘आजाद हिंद फ़ौज’ का गठन किया.
भारत की आजादी का सपना देखने और उसे साकार करने की कोशिश करने वालों में सुभाष चंद्र बोस का नाम सबसे पहले आता है. सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1987 में हुआ था. वह बचपन से ही पढ़ने में तेज थे और चाहते थे कि देश की आजादी के लिए कुछ किया जाए. यही वजह थी कि उन्होंने राजनीति में शामिल होने का फैसला किया. वह 24 साल की उम्र में इंडियन नेशनल कांग्रेस से जुडे़. राजनीति में कुछ वर्ष सक्रिय रहने के बाद उन्होंने महात्मा गांधी से अलग अपना एक दल बनाया. इस दल में उन्होंने खास तौर पर युवाओं को शामिल किया. अपनी सोच और जिदंगी जीने के तरीके की वजह से वह हमेशा से ही युवाओं के बीच खासे प्रचलित रहे.
नेताजी अपनी आजाद हिंद फौज के साथ 4 जुलाई 1944 को बर्मा पहुंचे. यहीं पर उन्होंने अपना प्रसिद्ध नारा, ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ दिया. सुभाष चंद्र बोस के विचार बहुत क्रांतिकारी थे और उनकी बातें आज भी किसी के भी तन-मन में जोश भर सकती हैं. उनके जन्मदिवस के मौके पर हम आपको उनके ऐसे ही 10 विचारों के बारे में बता रहे हैं:
1. तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा
2. याद रखिए सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है.
3. ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं. हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आज़ादी मिले, हमारे अंदर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए.
4. एक सैनिक के रूप में आपको हमेशा तीन आदर्शों को संजोना और उन पर जीना होगा: सच्चाई, कर्तव्य और बलिदान. जो सिपाही हमेशा अपने देश के प्रति वफादार रहता है, जो हमेशा अपना जीवन बलिदान करने को तैयार रहता है, वो अजेय है. अगर तुम भी अजेय बनना चाहते हो तो इन तीन आदर्शों को अपने ह्रदय में समाहित कर लो.
5. सफलता, हमेशा असफलता के स्तंभ पर खड़ी होती है.
6. मेरा अनुभव है कि हमेशा आशा की कोई न कोई किरण आती है, जो हमें जीवन से दूर भटकने नहीं देती.
7. जिस व्यक्ति के अंदर ‘सनक’ नहीं होती वो कभी महान नहीं बन सकता. लेकिन उसके अंदर, इसके आलावा भी कुछ और होना चाहिए.
8. जो अपनी ताकत पर भरोसा करते हैं, वो आगे बढ़ते हैं और उधार की ताकत वाले घायल हो जाते हैं.
9. हमारा सफर कितना ही भयानक, कष्टदायी और बदतर हो, लेकिन हमें आगे बढ़ते रहना ही है. सफलता का दिन दूर हो सकता हैं, लेकिन उसका आना अनिवार्य ही है.
10. मां का प्यार सबसे गहरा होता है- स्वार्थरहित. इसको किसी भी तरह से मापा नहीं जा सकता.
आज हिंद फौज की स्थापना करने के बाद सुभाष चंद्र बोस ने युवाओं को अपनी सेना में शामिल करने की योजना बनाई. इसके लिए उन्हें देश के युवाओं से अनुरोध किया कि वह उनकी फौज में शामिल होकर उनका साथ दें. इसी समय उन्होंने तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा दिया था. बोस चाहते थे कि वह अपनी फौज की मदद से भारत को ब्रिटिश सरकार से आजाद कराएं.
सुभाष चंद्र बोस की मौत आज तक एक रहस्य की तरह ही है. भारत सरकार ने उनसे जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए कई बार अलग-अलग देश की सरकार से संपर्क किया लेकिन उनके बारे कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई. सुभाष चंद्र बोस की मौत को लेकर कई तरह की कहानियां प्रचलित है लेकिन उनकी मौत को लेकर अभी तक कोई साक्ष्य किसी के पास नहीं हैं.
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