तुम मोती हम धागा कहकर कवी क्या कहाना चाहते है
class 9 रैदास के पद पाठ
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vah ye kahna chahte he ki ishwar ke bina vah aur unke bina ishwar adhure hai
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प्रभु जी, तुम मोती हम धागा, जैसे सोनहिं मिलत सुहागा। प्रभु जी, तुम स्वामी हम दासा, ऐसी भक्ति करै रैदासाl इस पद में कवि ने उस अवस्था का वर्णन किया है जब भक्त पर भक्ति का रंग पूरी तरह से चढ़ जाता हैl यदि भगवान मोती हैं तो भक्त धागे के समान है जिसमें मोतियाँ पिरोई जाती हैं।
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