Hindi, asked by piyushkumarsharma797, 6 hours ago

तुम प्रेम हो..तुम प्रीत हो मेरी बांसुरी का गीत हो..
तुम प्रेम हो..तुम प्रीत हो मनमीत हो राधे.मेरी मनमीत हो.. तुम प्रेम हो..तुम प्रीत हो मनमीत हो राधे..मेरी मनमीत हो तुम प्रेम हो..तुम प्रीत हो मेरी बांसुरी का गीत हो तुम ह्रदय में, प्राण में..कान्हा तुम ह्रदय में, प्राण में निसदिन तुम्हीं हो ध्यान में.. तुम ह्रदय में, प्राण में निसदिन तुम्हीं हो ध्यान में.. हर रोम में तुम हो बसे हर रोम में तुम हो बसे.. तुम विश्वास के आह्वान में तुम विश्वास के आह्वान में.. तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो..तुम गीत हो..काहना मेरे मनमीत हो तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो मनमीत हो राधे..मेरी मनमीत हो तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो मेरी बांसुरी का गीत हो.. हूँ मैं जहाँ तुम हो वहाँ..राधा हूँ मैं जहाँ तुम हो वहाँ तुम बिन नहीं है कुछ यहाँ.. हूँ मैं जहाँ तुम हो वहाँ तुम बिन नहीं है कुछ यहाँ.. मुझमें धड़कती हो तुम्ही मुझमें धड़कती हो तुम्ही तुम दूर मुझसे हो कहाँ तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो मनमीत हो राधे..मेरी मनमीत हो तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो मनमीत हो राधे..मेरी मनमीत हो तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो परमात्मा का स्पर्श हो..राधे परमात्मा का स्पर्श हो पुलकित ह्रदय का हर्ष हो.. परमात्मा का स्पर्श हो पुलकित ह्रदय का हर्ष हो.. तुम हो समर्पण का शिखर तुम हो समर्पण का शिखर तुम ही मेरा उत्कर्ष हो.. तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो मेरी भावना की तुम, राधे जीत हो.. तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो मनमीत हो राधे..मेरी मनमीत हो तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो मनमीत हो राधे..मेरी मनमीत हो राधा कृष्णा..कृष्णा कृष्णा राधा..कृष्णा​

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Answers

Answered by ananyaanuj2006
4

Maine bhi same question pucha tha Dopahar ko with same pic

Answered by Anonymous
2

Answer:

radhe radhe

Explanation:

तुम प्रेम हो..तुम प्रीत हो

मेरी बांसुरी का गीत हो..

तुम प्रेम हो..तुम प्रीत हो

मनमीत हो राधे..मेरी मनमीत हो..

तुम प्रेम हो..तुम प्रीत हो

मनमीत हो राधे..मेरी मनमीत हो

तुम प्रेम हो..तुम प्रीत हो

मेरी बांसुरी का गीत हो

तुम ह्रदय में, प्राण में..कान्हा

तुम ह्रदय में, प्राण में

निसदिन तुम्हीं हो ध्यान में..

तुम ह्रदय में, प्राण में

निसदिन तुम्हीं हो ध्यान में..

हर रोम में तुम हो बसे

हर रोम में तुम हो बसे..

तुम विश्वास के आह्वान में

तुम विश्वास के आह्वान में..

तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो..तुम गीत हो..काहना

मेरे मनमीत हो

तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो

मनमीत हो राधे..मेरी मनमीत हो

तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो

मेरी बांसुरी का गीत हो..

हूँ मैं जहाँ तुम हो वहाँ..राधा

हूँ मैं जहाँ तुम हो वहाँ

तुम बिन नहीं है कुछ यहाँ..

हूँ मैं जहाँ तुम हो वहाँ

तुम बिन नहीं है कुछ यहाँ..

मुझमें धड़कती हो तुम्ही

मुझमें धड़कती हो तुम्ही

तुम दूर मुझसे हो कहाँ

तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो

मनमीत हो राधे..मेरी मनमीत हो

तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो

मनमीत हो राधे..मेरी मनमीत हो

तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो

परमात्मा का स्पर्श हो..राधे

परमात्मा का स्पर्श हो

पुलकित ह्रदय का हर्ष हो..

परमात्मा का स्पर्श हो

पुलकित ह्रदय का हर्ष हो..

तुम हो समर्पण का शिखर

तुम हो समर्पण का शिखर

तुम ही मेरा उत्कर्ष हो..

तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो

मेरी भावना की तुम, राधे जीत हो..

तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो

मनमीत हो राधे..मेरी मनमीत हो

तुम प्रेम हो.. तुम प्रीत हो

मनमीत हो राधे..मेरी मनमीत हो

राधा कृष्णा..कृष्णा

कृष्णा राधा..कृष्णा

it is my ids(◠‿◕)

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