Hindi, asked by ahmadsabbir, 10 months ago

"तुम पर करने लगूं न संशय, यह विनती स्वीकार करो।” इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
कवि भगवान से क्या-क्या नहीं माँग रहा है? ​

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Answered by kushalchhillar
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Answer:

maens bhagwan mujha tum par sanday nahi ha yaha mere vinti savikar karo (atmtran poem)

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