Hindi, asked by khushwahasurabhi, 6 months ago

तैमूर बलकरन के मुंह से दूध शब्द सुनकर क्यों चौका​

Answers

Answered by rohankedar1998
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Answer:

रिफ्लक्स को दूध उलटना या हल्का दूध निकालना (पोसेटिंग) भी कहा जाता है। यह तब होता है जब शिशु जो दूध पी चुका होता है वह वापिस उसकी भोजन नलिका (इसोफेगस) में ऊपर की तरफ आ जाए। इसका चिकित्सकीय नाम गैस्ट्रो इसोफेगल रिफ्लक्स (जीओआर) है।

यदि आपके शिशु को भी रिफ्लक्स रहता है तो मलमल का कपड़ा या रुमाल आपके काफी काम आ सकता है! फॉर्मूला दूध पीने वाले और स्तनपान करने वाले दोनों ही शिशुओं को रिफ्लक्स हो सकता है।

आपके शिशु के पेट में अम्ल (एसिड) होता है जो दूध को पचाने में मदद करता है। दूध और एसिड का यह मिश्रण भोजन नलिका में ऊपर की तरफ आ सकता है और शिशु को असहज कर सकता है। यदि आपको कभी भी सीने में जलन या एसिडडिटी रही हो, तो आप समझ सकती हैं कि एसिड रिफ्लक्स से किस तरह की जलन महसूस होती है।

रिफ्लक्स की वजह से बार-बार का मुंह साफ करना पड़ता है और दूध के छींटे गिरने पर सफाई का काम बढ़ जाता है। इससे आप परेशान हो सकती हैं, मगर ऐसा करना शिशुओं के लिए सामान्य है। यह आमतौर पर किसी बीमारी का संकेत नहीं होता। सामान्यत: तकरीबन आधे से ज्यादा शिशुओं को ऐसा होता है और इनमें से पांच प्रतिशत शिशुओं के साथ तो दिन में छह या इससे ज्यादा बार ऐसा हो जाता है। रिफ्लक्स एक अस्थाई समस्या है जो शिशु की पाचन प्रणाली के परिपक्व होने के साथ अक्सर बेहतर होती जाती है।

हालांकि, कुछ शिशुओं में यह तकलीफदेह, गंभीर या लगातार रिफ्लक्स (गैस्ट्रो-इसाफगस रिफ्लक्स डीजीज या जीओआरडी) हो सकता है।

शिशुओं में रिफ्लक्स (दूध उलटने) की वजह क्या है?

आपके शिशु की भोजन नलिका उसके मुंह को पेट से जोड़ती है। यह नलिका जहां पेट से जुड़ती है वहां एक वैल्व होता है, जो मांसपेशी के छल्ले द्वारा नियंत्रित होता है। जब आपका शिशु दूध पीता है, तो यह वैल्व दूध को अंदर लाने के लिए खुलता है और फिर बंद हो जाता है ताकि दूध पेट में ही रहे। चूंकि मांसपेशी का यह छल्ला अभी परिपक्व हो रहा होता है, इसलिए हमेशा ठीक से काम नहीं कर पाता।

इसका मतलब है कि जब आपके शिशु का पेट भर जाता है, तो दूध और एसिड भोजन नलिका में वापिस आ सकते हैं और असहजता पैदा कर सकते हैं। जब भी ऐसा होता है, तो आप शायद इसे देख सकेंगी, मगर कई बार आपका शिशु दूध को गटक सकता है या फिर संभव है कि दूध शिशु के मुंह तक आए ही ना। इसे साइलेंट रिफ्लक्स कहा जाता है।

ध्यान रखें कि आपके शिशु का पेट अभी छोटा है, इसलिए वह ज्यादा दूध नहीं पी सकता और दूध का बाहर निकलना सामान्य है। नवजात शिशु के पेट का माप पहाड़ी बादाम जितना होता है। तीन दिन बाद यह बढ़कर अखरोट जितना हो जाता है। जब शिशु 10 दिन का होता है, तो उसके पेट का माप मुर्गी के एक बड़े अंडे के करीब ही होता है।

शिशु के पेट को भोजन नलिका से जोड़ने वाला यह मांसपेशीय वैल्व समय के साथ-साथ मजबूत होता जाएगा। इसका मतलब है कि उसके पेट की क्षमता बढ़ने के साथ-साथ रिफ्लक्स होना भी बंद हो जाएगा। जिन शिशुओं को रिफ्लक्स रहता है उनमें से करीब 90 प्रतिशत को एक साल का होने तक यह परेशानी नहीं रहती।

कई बार रिफ्लक्स को किसी अन्य स्वास्थ्य स्थिति से भी जोड़ा जाता है, जिसमें शिशु की पाचन प्रणाली बहुत धीरे काम करने लगती है। ऐसे मामलों में शिशु के पेट में भोजन ज्यादा समय तक रहता है। ऐसा गाय के दूध से एलर्जी या असहिष्णुता की वजह से संभव है। यदि आपको लगता है कि आपके शिशु के साथ भी ऐसा है तो डॉक्टर से बात करें।

कैसे पता चलेगा कि मेरे शिशु को रिफ्लक्स है?

आपका शिशु थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दूध उलटेगा या फिर दूध पीने के बाद कभी-कभार उल्टी करेगा। उसे हिचकियां और खांसी भी हो सकती है और थोड़ा सा दूध छींटों के तौर पर निकल सकता है।

यह सामान्य है और जब तक आपका शिशु स्वस्थ लग रहा हो, तब तक चिंता करने की कोई बात नहीं होती। बस आप यह सुनिश्चित करें कि आपके पास टिश्यू या रुमाल हमेशा हो।

शिशु को रिफ्लक्स होने से कैसे बचाया जा सकता है?

यदि शिशु को हल्का रिफ्लक्स रहता है और वह सही से दूध पी रहा है और इससे उसे कोई परेशानी नहीं हो रही, तो निम्नांकित उपाय आपके काम आ सकतते हैं:

Answered by jaskiratsinghsethi64
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रिफ्लक्स को दूध उलटना या हल्का दूध निकालना (पोसेटिंग) भी कहा जाता है। यह तब होता है जब शिशु जो दूध पी चुका होता है वह वापिस उसकी भोजन नलिका (इसोफेगस) में ऊपर की तरफ आ जाए। इसका चिकित्सकीय नाम गैस्ट्रो इसोफेगल रिफ्लक्स (जीओआर) है।

यदि आपके शिशु को भी रिफ्लक्स रहता है तो मलमल का कपड़ा या रुमाल आपके काफी काम आ सकता है! फॉर्मूला दूध पीने वाले और स्तनपान करने वाले दोनों ही शिशुओं को रिफ्लक्स हो सकता है।

आपके शिशु के पेट में अम्ल (एसिड) होता है जो दूध को पचाने में मदद करता है। दूध और एसिड का यह मिश्रण भोजन नलिका में ऊपर की तरफ आ सकता है और शिशु को असहज कर सकता है। यदि आपको कभी भी सीने में जलन या एसिडडिटी रही हो, तो आप समझ सकती हैं कि एसिड रिफ्लक्स से किस तरह की जलन महसूस होती है।

रिफ्लक्स की वजह से बार-बार का मुंह साफ करना पड़ता है और दूध के छींटे गिरने पर सफाई का काम बढ़ जाता है। इससे आप परेशान हो सकती हैं, मगर ऐसा करना शिशुओं के लिए सामान्य है। यह आमतौर पर किसी बीमारी का संकेत नहीं होता। सामान्यत: तकरीबन आधे से ज्यादा शिशुओं को ऐसा होता है और इनमें से पांच प्रतिशत शिशुओं के साथ तो दिन में छह या इससे ज्यादा बार ऐसा हो जाता है। रिफ्लक्स एक अस्थाई समस्या है जो शिशु की पाचन प्रणाली के परिपक्व होने के साथ अक्सर बेहतर होती जाती है।

हालांकि, कुछ शिशुओं में यह तकलीफदेह, गंभीर या लगातार रिफ्लक्स (गैस्ट्रो-इसाफगस रिफ्लक्स डीजीज या जीओआरडी) हो सकता है।

शिशुओं में रिफ्लक्स (दूध उलटने) की वजह क्या है?

आपके शिशु की भोजन नलिका उसके मुंह को पेट से जोड़ती है। यह नलिका जहां पेट से जुड़ती है वहां एक वैल्व होता है, जो मांसपेशी के छल्ले द्वारा नियंत्रित होता है। जब आपका शिशु दूध पीता है, तो यह वैल्व दूध को अंदर लाने के लिए खुलता है और फिर बंद हो जाता है ताकि दूध पेट में ही रहे। चूंकि मांसपेशी का यह छल्ला अभी परिपक्व हो रहा होता है, इसलिए हमेशा ठीक से काम नहीं कर पाता।

इसका मतलब है कि जब आपके शिशु का पेट भर जाता है, तो दूध और एसिड भोजन नलिका में वापिस आ सकते हैं और असहजता पैदा कर सकते हैं। जब भी ऐसा होता है, तो आप शायद इसे देख सकेंगी, मगर कई बार आपका शिशु दूध को गटक सकता है या फिर संभव है कि दूध शिशु के मुंह तक आए ही ना। इसे साइलेंट रिफ्लक्स कहा जाता है।

ध्यान रखें कि आपके शिशु का पेट अभी छोटा है, इसलिए वह ज्यादा दूध नहीं पी सकता और दूध का बाहर निकलना सामान्य है। नवजात शिशु के पेट का माप पहाड़ी बादाम जितना होता है। तीन दिन बाद यह बढ़कर अखरोट जितना हो जाता है। जब शिशु 10 दिन का होता है, तो उसके पेट का माप मुर्गी के एक बड़े अंडे के करीब ही होता है।

शिशु के पेट को भोजन नलिका से जोड़ने वाला यह मांसपेशीय वैल्व समय के साथ-साथ मजबूत होता जाएगा। इसका मतलब है कि उसके पेट की क्षमता बढ़ने के साथ-साथ रिफ्लक्स होना भी बंद हो जाएगा। जिन शिशुओं को रिफ्लक्स रहता है उनमें से करीब 90 प्रतिशत को एक साल का होने तक यह परेशानी नहीं रहती।

कई बार रिफ्लक्स को किसी अन्य स्वास्थ्य स्थिति से भी जोड़ा जाता है, जिसमें शिशु की पाचन प्रणाली बहुत धीरे काम करने लगती है। ऐसे मामलों में शिशु के पेट में भोजन ज्यादा समय तक रहता है। ऐसा गाय के दूध से एलर्जी या असहिष्णुता की वजह से संभव है। यदि आपको लगता है कि आपके शिशु के साथ भी ऐसा है तो डॉक्टर से बात करें।

कैसे पता चलेगा कि मेरे शिशु को रिफ्लक्स है?

आपका शिशु थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दूध उलटेगा या फिर दूध पीने के बाद कभी-कभार उल्टी करेगा। उसे हिचकियां और खांसी भी हो सकती है और थोड़ा सा दूध छींटों के तौर पर निकल सकता है।

यह सामान्य है और जब तक आपका शिशु स्वस्थ लग रहा हो, तब तक चिंता करने की कोई बात नहीं होती। बस आप यह सुनिश्चित करें कि आपके पास टिश्यू या रुमाल हमेशा हो।

शिशु को रिफ्लक्स होने से कैसे बचाया जा सकता है?

यदि शिशु को हल्का रिफ्लक्स रहता है और वह सही से दूध पी रहा है और इससे उसे कोई परेशानी नहीं हो रही, तो निम्नांकित उपाय आपके काम आ सकतते हैं:

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