तीन चुनौतियों के बारे में बताएं चिंता स्वतंत्र भारत का राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया के दौरान करना पड़ा
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Explanation:
1 )एकता व अखंडता की चुनौती
भारत में आजादी और बंटवारे के बाद सबसे बड़ी और सबसे पहली चुनौती एकता और अखंडता की चुनौती थी । क्योंकि भारत में बहुत सारे धर्म, जाति, भाषा और क्षेत्र के लोग रहते हैं । इनके बीच एकता और अखंडता बनाना किसी चुनौती से कम नहीं था। धर्म, जाति, भाषा और क्षेत्र के आधार पर देश के बंटवारे की मांग पैदा होने लगी । इसलिए यह चुनौती अभी भी बनी हुई थी ।
2 लोकतंत्र की स्थापना की चुनौती
दूसरी चुनौती थी । लोकतंत्र को कैसे स्थापित किया जाए, क्योंकि भारत में लोगों को लोकतंत्र का मतलब ही नहीं पता था कि लोकतंत्र आखिर कहते किसे हैं ? घर-घर जाकर लोगों को लोकतंत्र का मतलब समझाना था । क्योंकि लोग तो राजा महाराजाओं को ही अपना सब कुछ मानते थे। ऐसे में लोगों को लोकतंत्र का मतलब समझाना बहुत मुश्किल था । मतदाता सूची बनानी थी । चुनाव क्षेत्रों का सीमांकन भी करना था और इस तरीके से लंबी तैयारी के बाद पहले चुनाव सन 1952 में हुए । इसलिए चुनाव करवाना और लोकतंत्र अपनाना किसी चुनौती से कम नहीं था ।
3 विकास की चुनौती
तीसरी चुनौती थी विकास करने की चुनौती । अंग्रेजी शासन की वजह से भारत बहुत ज्यादा पिछड़ गया था। अब हमें तेजी से तरक्की करके आगे बढ़ना था । तरक्की करने या फिर विकास करने के दो रास्ते थे ।