Hindi, asked by katrine58471, 10 months ago

तीन तलाक/ ट्रिपल तलाक पर निबंध हिंदी में – Triple Talaq...

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Answered by anuj9296
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<font color="black"><b>तीन तलाक/ ट्रिपल तलाक पर निबंध हिंदी में (Essay on Triple Talaq in Hindi)
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क्या है तीन तलाक? क्या होता है ट्रिपल तलाक? यह मुसलमान समाज में तलाक लेने का वह जरिया है जिसमें मुस्लिम आदमी अपनी बीवी को तीन बार “तलाक” बोलकर अपनी शादी रद्द कर सकता है| तलाक का यह जरिया मुस्लिम पर्सनल लॉ के हिसाब से कानूनी है, फिर भी बहुत सारी मुस्लिम वर्ग की महिलाएं इसका विरोध करती है| तीन तलाक के वजह से मुस्लिम महिलाओं को डर डर के रहना पड़ता है, क्योंकि यह तीन शब्द उनकी जिंदगी बर्बाद कर सकते हैं | यह मानवीय हकों का उल्लंघन है, भारतीय कानून के हिसाब से स्त्री और पुरुष को दोनों को समान हक्क होते हैं| पर तीन तलाक के मामले में महिलाओं पर यह एक प्रकार से अन्याय होता है|
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तीन तलाक के तहत मुस्लिम आदमी अपनी बीवी को बोलकर या लिखकर तलाक दे सकता है और बीवी का वहां होना जरुरी भी नहीं होता है, यहां तक कि आदमी को तलाक के लिए कोई वजह भी लेनी नहीं पड़ती| आजकल के जमाने में तो तीन तलाक facebook WhatsApp पर भी दिया जाता है| तीन तलाक का पुरुषों पे ज्यादा प्रभाव नहीं होता पर उनकी बीवी पर इसका बहुत बड़ा प्रभाव होता है| बच्चों की जिम्मेदारी, गुजारा करने के लिए पैसा कमाना, रहने के लिए घर, यह सब विपदाएं अचानक से उसके सामने आ जाती है| इस डर के चलते हुए बहुत सारी मुस्लिम महिलाएं शायद डर डर के अपनी जिंदगी गुजार देती है, वह कोई बगावत नहीं करती| महिलाएं अपने भारतीय मौलिक अधिकारों से वंचित रह जाती है|

बहुत सारे मुस्लिम बहुमत होने वाले देशों में तीन तलाक का रिवाज खंडित किया है, और उन्होंने तलाक के कायदे वर्तमान परिस्थितियों के हिसाब से बदल दिए हैं| यहां तक कि अपना पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी तीन तलाक की प्रथा खत्म कर दी गई है| भारत को भी समय के हिसाब से बदलना पड़ेगा, 21वी सदी में हम लोग महिलाओं को पीछे नहीं छोड़ सकते|

ट्रिपल तलाक़ आज मूल अधिकार के जगह एक राजनैतिक मुद्दा बन रहां है| हाल ही में, वर्तमान सरकार लोकसभा के शीतकालीन सत्र में ट्रिपल तलाक़ बिल पारित करने मे सफल हुई| इस विधेयक के अंदर ट्रिपल तलाक़ लेना कानूनन अपराध होगा, जिसके लिए मुस्लिम पुरुष को ३ साल तक सजा हो सकती है| कुछ राजनितिक दलों ने इस बिल का विरोध भी किया| कांग्रेस जो मुख्य विरोधी पक्ष हे, उसने बिल का समर्थन किया, पर कुछ मुद्दों पर संशोधन की भी मांग की| लोकसभा में बीजेपी का बहुमत होने के कारण वह इस बिल को पारित कर पायी| यह बिल अभी राज्य सभा में पारित होना बाकी है| राज्य सभा में बीजेपी के पास बहुमत नहीं है, वहां पे इस बिल पर ज्यादा विरोध होने की आशंका है|
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“मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारों का संरक्षण) विधेयक” के तहत तीन तलाक़ गैर कानूनी है, इसके उल्लंघन पर मुस्लिम पुरुष को ३ साल की सजा हो सकती है| पुरुष को तलाक़शुदा महिला के रखरखाव के लिए पैसे भी देने होंगे| मुस्लिम महिलांओके के लिए यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है| समान अधिकार के तरफ यह एक बड़ा कदम है| मुस्लिम लॉ बोर्ड इस बिल के खिलाफ है, उनके हिसाब से यह बिल मुस्लिम धर्म के खिलाफ है| कहियोंका कहना है की यह बीजेपी की मुस्लिम मतदाता तोड़ने की निति है|

विपक्षी दलों ने बिल में सुधार की मांग की और उनके मुद्दों पर भी विचार किया जाना चाहिए। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमें विधेयक ही पेश नहीं करना चाहिए और भारतीय मुस्लिम महिलाओं को बुनियादी अधिकारोंसे वंचित रखना चाहिए।

पिछले कुछ महीनों में तीन तलाक से पीड़ित महिलाएं कोर्ट में कैसे लड़ रही है| वह भारतीय न्याय संस्था से न्याय की मांग कर रही है| भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गैर संवैधानिक करार दिया है| सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जिम्मेदारी दी है कि जजमेंट के हिसाब से लॉ फ्रेमवर्क बनाई जाए तब तक ट्रिपल तलाक का उपयोग करना गैर संविधानिक है| सुप्रीम कोर्ट केस की प्रगति पर निगरानी रखेगी, और इससे जुड़े दूसरे प्रश्नोंपर मई के महीने मैं फैसला देगी|

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