Hindi, asked by domeshwar121, 7 months ago

टोपी के विषय में लेवखका के क्या विचार हैं ?

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Answered by parisingh9
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Answer:

टोपी” एक लोक कथा है। इस कहानी के द्वारा लेखक ने सामाजिक समस्याओं को उजागर करने का प्रयास किया है। यह कहानी शासक वर्ग से जनता के सम्बन्धों की समीक्षा करती है। लेखक ने इस कहानी में एक नन्हीं गौरैया के दृढ़ निश्चय और प्रयासों का वर्णन किया है और लेखक के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति नन्ही गौरैया से प्रेरित हो सकता है और अपने जीवन को सफल और अर्थ-पूर्ण बना सकता है। इसमें लेखक ने राजा और उसके मंत्रियों का जनता के ऊपर दबाव को बहुत ही अच्छे तरीके से दिखाया है। एक छोटी गौरैया भी राजा का सच को सभी जनता के सामने ला सकती, यह दिखाया गया है। लेखक ने यह समझाने का प्रयास भी किया है कि सबको उसके काम के बदले उचित मेहनताना मिले, पूरी मजदूरी मिले तो किसी को भी अच्छा काम करने में ख़ुशी मिलेगी और कोई भी अपना काम पूरी ईमानदारी के साथ ख़ुशी-ख़ुशी करेगा।

Answered by shivangiroy27
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Answer:

लेखिका बचपन के दिनों में सिर पर टोपी लगाना पसंद करती थी। उनके पास कई रंगों की टोपियाँ थीं। उनका कहना है कि सिर पर हिमाचली टोपी पहनना आसान था जबकि सिर पर दुपट्टा रखना थोड़ा कठिन काम।

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