टोपो शुक्ला पाठ मे इफ्फन और टोपी की मैत्री के द्वारा क्या सन्देश दिया गया है? वर्तमान संदर्भो मे उस्की उपयोगिता समझाइए।
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टोपी भरे पुरे परिवार में अकेला, उसकी भावनाओं को कोई नहीं समझता, दादी का गुस्सा, भाईयों से झगडा, मित्र के घर से प्यार परंतु मजहब की दीवार, मित्र से दूरी का दर्द, विद्यालय में फेल होने के कारण साथियों व अध्यापकों की उपेक्षा का दर्द|
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टोपो शुक्ला पाठ मे इफ्फन और टोपी की मैत्री के द्वारा सन्देश दिया गया है कि , दोस्ती बहुत प्यारा रिशता है | हमारे जीवन में हमेशा कोई सच्चा दोस्त होना चाहिए और दोस्ती के रिश्ते जो अच्छे से निभाना चाहिए| दोस्ती में कोई भी मजहब और जात और ऊँचा निचा नहीं देखा जाता | हमें दोस्ती में कभी ऐसी बाते नहीं लानी चाहिए|
इफ़्फ़न और टोपी शुक्ला बहुत अच्छे दोस्त थे | इफ़्फ़न और टोपी शुक्ला अलग-अलग मजहब के होते हुए भी एक दूसरे से प्रेमरूपी अटूट बंधन में बंधे हुए थे। टोपी की दोस्ती पहले-पहल इफ़्फ़न के साथ ही हुई थी।
सच्चा मित्र जीवन की अनुपम निधि होता है। इस वाक्य में मेरे विचार है , दोस्ती कहने तो बहुत छोटा सा शब्द लेकिन दोस्ती की अहमियत सबसे ऊपर है| दोस्ती रिश्ता सब से अच्छा रिश्ता है |
वर्तमान संदर्भो मे उसकी उपयोगिता
दोस्ती हर समय , हर पल , दुःख और ख़ुशी में हमेशा साथ देती है | जीवन में अच्छा दोस्त होना बहुत जरूरी है जो हमेशा हमारा साथ दे | सारी दुनिया एक साथ हो और दोस्ती एक तरफ़ हो जो किसी के भी आने से न टूटे| हमें अपने सबसे अच्छे दोस्त को कभी नहीं खोना चाहिए हर मुसीबत में साथ रहना चाहिए| अच्छी दोस्ती और दोस्त हमेशा काम आते है|