Hindi, asked by ikbal17hussain, 1 month ago

तो पर वारौं उरबसी, सुनि राधिके सुजान ।
तू मोहन कै उर बसी, है)उरबसी समान ॥ sandarbh prasang aur vyakhya

Answers

Answered by bhatiamona
3

तो पर वारौं उरबसी, सुनि राधिके सुजान।

तू मोहन के उर बसी, है उरबसी समान।।

संदर्भ- यह दोहा प्रेम और सौन्दर्य पाठ से लिया गया है | यह दोहा बिरली लाल जी द्वारा लिखा गया है |

प्रसंग : दोहे में जब राधिका जी ने यह सुना कि श्रीकृष्ण किसी अन्य नायिका से प्रेम करने लगे हैं तो उन्होंने मौन धारण कर लिया है। सखी इसी मौन को छुड़ाने के प्रयास करते है |

व्याख्या : राधा जी को लगता है कि श्री कृष्ण किसी और अन्य स्त्री के प्रेम में पड़ गए है | राधा जी की सहेली उन्हें समझा रही है कि हे राधिका अच्छे से जान लो,कृष्ण तुम पर उर्वशी अप्सरा को भी न्योछावर कर देंगे | राधा तुम श्री कृष्ण के हृदय में उरबसी आभूषण के समान बसी हुई हो। तुम्हें जलन और डरने की जरूरत नहीं है |

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