History, asked by meena2571986, 9 months ago

टी. पद्मनाभन
कचे जब जार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं, तब
क्या होता है?​

Answers

Answered by Mehtasaab97
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टी. पद्मनाभन

कचे जब जार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं, तब

क्या होता है?

Answered by bhartirathore299
4

Answer:

कंचे जब जार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं तो वह उनकी ओर पूरी तरह से सम्मोहित हो जाता है। उसे लगता है की जैसे कंचों का जार बड़ा होकर आसमान-सा बड़ा हो गया और वह उसके भीतर चला गया।

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