तिरेंगे के तीनों रंगों का महत्त्व anuched
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In the national flag of India the top band is of Saffron colour, indicating the strength and courage of the country. The white middle band indicates peace and truth with Dharma Chakra. The last band is green in colour shows the fertility, growth and auspiciousness of the land
☞राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में तीन रंग केसरिया, सफेद और हरा समाहित हैं। इन तीन रंगों का अपना महत्व है और इनके दार्शनिक मायने भी निकाले जाते हैं। राष्ट्रध्वज के निर्माताओं ने देश को एक सूत्र में बांधने के लिए बहुत सोच-समझकर इन तीन रंगो और अशोक चक्र का उपयोग किया। तिरंगे में मौजूद केसरिया रंग को साहस और बलिदान का प्रतीक माना जाता है। वहीं सफेद रंग सच्चाई, शांति और पवित्रता की निशानी है। तिरंगे के तीसरे यानी हरे रंग को सन्पन्नता का प्रतीक माना जाता है। ये रंग मिलकर देश के गौरव का प्रतीक बनाते हैं और भाईचारे के संदेश के साथ ही जीवन को लेकर ज्ञान भी देते हैं।
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में तीन रंग केसरिया, सफेद और हरा समाहित हैं। इन तीन रंगों का अपना महत्व है और इनके दार्शनिक मायने भी निकाले जाते हैं। राष्ट्रध्वज के निर्माताओं ने देश को एक सूत्र में बांधने के लिए बहुत सोच-समझकर इन तीन रंगो और अशोक चक्र का उपयोग किया। तिरंगे में मौजूद केसरिया रंग को साहस और बलिदान का प्रतीक माना जाता है। वहीं सफेद रंग सच्चाई, शांति और पवित्रता की निशानी है। तिरंगे के तीसरे यानी हरे रंग को सन्पन्नता का प्रतीक माना जाता है। ये रंग मिलकर देश के गौरव का प्रतीक बनाते हैं और भाईचारे के संदेश के साथ ही जीवन को लेकर ज्ञान भी देते हैं। आध्यात्म से सराबोर रंग है केसरिया
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में तीन रंग केसरिया, सफेद और हरा समाहित हैं। इन तीन रंगों का अपना महत्व है और इनके दार्शनिक मायने भी निकाले जाते हैं। राष्ट्रध्वज के निर्माताओं ने देश को एक सूत्र में बांधने के लिए बहुत सोच-समझकर इन तीन रंगो और अशोक चक्र का उपयोग किया। तिरंगे में मौजूद केसरिया रंग को साहस और बलिदान का प्रतीक माना जाता है। वहीं सफेद रंग सच्चाई, शांति और पवित्रता की निशानी है। तिरंगे के तीसरे यानी हरे रंग को सन्पन्नता का प्रतीक माना जाता है। ये रंग मिलकर देश के गौरव का प्रतीक बनाते हैं और भाईचारे के संदेश के साथ ही जीवन को लेकर ज्ञान भी देते हैं। आध्यात्म से सराबोर रंग है केसरियाकेसरिया रंग को बलिदान का प्रतीक कहते हैं। यह रंग राष्ट्र के प्रति हिम्मत और निस्वार्थ भावनाओं को दिखाता है। यह रंग बौद्ध और जैन जैसे धर्मों के लिए धार्मिक महत्व का रंग है। हालांकि यह रंग सभी धर्मों के अहंकार को मुक्ति और त्याग का भी संदेश देता है और लोगों में एकता बनाने का भी यह प्रतीक माना जाता है। केसरिया रंग को आध्यात्म और उर्जा का प्रतीक भी माना जाता है।
हिन्दू, बुद्ध, सिख - सभी इस रंग को अपने करीब मानते हैं। आम भाषा में केसरिया रंग को संतरी रंग भी कहा जाता है। इसे हिंदू धर्म की निशानी भी मानते हैं। आमतौर पर किसी भी साधु, ऋषि, मुनि या मंदिर के पंडित को केसरी वस्त्र में ही देखा जाता है जिसकी अलग महत्ता है।
पूजा-अर्चना के दौरान केसरी रंग के वस्त्र पहनने की मान्यता है। हिन्दू मान्यताओं के आधार पर केसरी रंग अग्नि का प्रतीक है। मनुष्य हवन कुंड में जल रही अग्नि के जरिए ही परमात्मा का बोध करता है। इस आधार पर भी केसरी रंग को आधायत्म से जोड़ा जाता है
सद्भाव की निशानी है सफेद रंग
सद्भाव की निशानी है सफेद रंगभारतीय तिरंगे के बीच में रहता है सफेद रंग जो शांति और ईमानदारी का प्रतीक माना गया है। भारतीय दर्शन शास्त्र के मुताबिक, सफेद रंग को स्वच्छता और ज्ञान का भी प्रतीक माना गया है। मार्गदर्शन और सच्चाई की राह पर हमेशा चलना चाहिए।
खुशहाली और प्रगति का प्रतीक हरा रंग
खुशहाली और प्रगति का प्रतीक हरा रंगतिरंगे के सबसे नीचे हरा रंग विश्वास, उर्वरता, खुशहाली, समृद्धि और प्रगति का प्रतीक है। दर्शन शास्त्र के अनुसार, हरे रंग को उत्सव के माहौल से भी जोड़ा जाता है। तो फेंगशुई के मुताबिक हरा रंग कई बीमारियों से भी राहत दिलाता है।
खुशहाली और प्रगति का प्रतीक हरा रंगतिरंगे के सबसे नीचे हरा रंग विश्वास, उर्वरता, खुशहाली, समृद्धि और प्रगति का प्रतीक है। दर्शन शास्त्र के अनुसार, हरे रंग को उत्सव के माहौल से भी जोड़ा जाता है। तो फेंगशुई के मुताबिक हरा रंग कई बीमारियों से भी राहत दिलाता है। हरा रंग पूरे भारत में हरियाली को दर्शाता है और आंखों को सुकून भी देता है। जिस प्रकार प्रकृति जीवन का संदेश देती है, उसी प्रकार इस रंग से भी जीवन का गहरा संबंध है। फेंगशुई की मानें तो हरा रंग बीमार व्यक्तियों के लिए जीवनदायी औषधि सरीखा है। फेंगशुई ने इसे विकास, स्वास्थ्य और सौभाग्य का भी प्रतीक माना है।
खुशहाली और प्रगति का प्रतीक हरा रंगतिरंगे के सबसे नीचे हरा रंग विश्वास, उर्वरता, खुशहाली, समृद्धि और प्रगति का प्रतीक है। दर्शन शास्त्र के अनुसार, हरे रंग को उत्सव के माहौल से भी जोड़ा जाता है। तो फेंगशुई के मुताबिक हरा रंग कई बीमारियों से भी राहत दिलाता है। हरा रंग पूरे भारत में हरियाली को दर्शाता है और आंखों को सुकून भी देता है। जिस प्रकार प्रकृति जीवन का संदेश देती है, उसी प्रकार इस रंग से भी जीवन का गहरा संबंध है। फेंगशुई की मानें तो हरा रंग बीमार व्यक्तियों के लिए जीवनदायी औषधि सरीखा है। फेंगशुई ने इसे विकास, स्वास्थ्य और सौभाग्य का भी प्रतीक माना है। हरे रंग में बेरियम, क्लोरोफिल, तांबा, नाइट्रोजन और निक्कल जैसे तत्व पाए जाते हैं। साथ ही इस रंग के बारे में कहा जाता है कि यह डिप्रेशन यानी अवसाद से भी व्यक्ति को दूर रखता है। हरा रंग भावनात्मक रूप से राजसी ठाठ और निरंकुशता की प्रकृति को प्रदर्शित करता है।
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