तेरे गीत कहां में वाह रोना भी है मुझे गुनाह देख विश्व में था तेरी मेरी बजा रही थी इस पर रणभेरी में कौन सा छंद गुण और अलंकार है
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तेरे गीत कहां में वाह रोना भी है मुझे गुनाह देख विश्व में था तेरी मेरी बजा रही थी इस पर रणभेरी में कौन सा छंद गुण और अलंकार है
प्रश्न में दी गई पंक्ति में मानवीकरण अलंकार है|
इन पंक्तियों में मुक्तक छंद का प्रयोग हुआ है। मुक्तक छंद नियम बद्ध नहीं होते और केवल स्वच्छंद गति और भावपूर्ण प्रवाह में बहते चले जाते हैं।
इन पंक्तियों में कवि ने अपने और कोयल के हालात के अंतर को बड़ी सहजता से व्यक्त किया है और आश्चर्य व्यक्त किया है कि कोयल को ऐसी परिस्थिति में भी उस पर विश्वास है। भाषा की दृष्टि से कविता में खड़ी बोली का प्रयोग किया गया है। तत्सम एवं तद्भव शब्दों का भी प्रयोग है। भाषा चित्रात्मक और लयात्मक शैली में है। पंक्तियों में संबोधन शैली का भी प्रयोग हुआ है तथा कोयल रणभेरी बजाने में मानवीकरण अलंकार का प्रयोग किया हुआ है।
मानवीकरण अलंकार: मानवीकरण अलंकार का अर्थ है, प्रकृति की चीज़ों को मनुष्य के रूप में वर्णन करना| जब जड़ प्रकृति के पदार्थो में मानवीय गुणों का आरोप करके उनको मानव के समान सजीव चित्रित किया जाता है , वहाँ मानवीकरण अलंकार होता हैं| जब काव्य में प्रकृति को मानव के समान चेतन समझकर उसका वर्णन किया जाता है |
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