Hindi, asked by hhhhhssssss, 5 months ago

तेरे घर के द्वार बहुत है , किसमें होकर आऊं मैं सब दवारों पर भीड़ मची है, कैसे भीतर जाऊं मैं ? द्वारपाल भय दिखलाते हैं ,कुछ ही जन जाने पाते हैं, शेष सभी धक्के खाते हैं , क्यों कर घुसने पाऊँ ? तेरे घर के द्वार बहुत है , .......... 1) कवि किसके घर के दवारों की बात कर रहा है ? * ईश्वर भगवान विधाता सभी 2) कवि द्वार तक क्यों नहीं पहुँच पा रहा है ? * साहस नहीं है साधन सामग्री है साधन सामग्री नहीं है डर लगता है 3) द्वारपाल क्या करते हैं ? * भय दिखलाते हैं हिम्मत बंधाते हैं धक्के देते हैं इनमें से कोई नहीं 4) द्वार पर क्या मची हैं ? * दंगा भीड़ झगड़ा सभी 5) तेरे घर के द्वार बहुत है , किसमें होकर आऊं मैं –पंक्ति का भाव हैं – * ईश्वर को पाने के रास्ते ईश्वर को मनाने के रास्ते ईश्वर को भूलने के रास्ते कोई नहीं

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Answered by kuldeepkailasshinde
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Answer:

bhid machi hai

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