'तारों जड़ा आकाश पहनने' से कवि का क्या तात्पर्य है?
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कविता में ‘आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ कहकर लड़की कहना चाहती है कि चाँद तारों से जड़ी हुई चादर ओढ़कर बैठा है।
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