तारों के उदित और अस्त
होने के बारे में कल्पना
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सूर्य एक तारा है। उसका उदित और अस्त होना, हम रोज़ देखते हैं। सूर्य के उदय होने पर चारों ओर लालिमा छा जाती है। तारा डूबने का तात्पर्य तारा के अस्त हो जाने से है। जैसे सूर्य का उदय और अस्त होना।
पक्षी चहचहाने लगते हैं। ऐसे ही सूर्य के अस्त होने पर लालिमा छा जाती है और पक्षी अपने घोसलों में चले जाते हैं। तारे उदित होते समय आसमान में चमकीले दिखाई देते हैं। जब तारे उदित होते हैं तो आसमान रूपी थाल में मोती से सजे दिखते हैं। वही तारे सूर्य उदय के साथ अस्त हो जाते हैं।
रात को तारे अपने रोशनी से रास्ता दिखाता है| तारें अपनी चमक से रात को और महका देते है| रात को तारों के नीचे सोने में अलग ही मज़ा है| तारों की एक अलग सी पहचान है यह सबको चमकना सिखाते है|
सूर्य के तेज प्रकाश में तारों की रोशनी धीमे-धीमे कम होती जाती है और एक समय पर सूर्य की रोशनी के सामने खत्म हो जाती है|
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