Hindi, asked by begumshabiha301, 3 months ago

तेरै लाल मेरौ माखन खायौ।
दुपहर दिवस जानि घर सूनो ढूँढ़ि-ढंढोरि आपही आयौ।
खोलि किवारि, पैठि मंदिर मैं, दूध-दही सब सखनि खवायौ।
ऊखल चढ़ि, सींके कौ लीन्हौ, अनभावत भुइँ मैं ढरकायौ।
दिन प्रति हानि होति गोरस की, यह ढोटा कौनै ढंग लायौ।
सूर स्याम कौं हटकि न राखै तैं ही पूत अनोखौ जायौ।
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Answered by shishir303
18

तेरै लाल मेरौ माखन खायौ।

दुपहर दिवस जानि घर सूनो ढूँढ़ि-ढंढोरि आपही आयौ।

खोलि किवारि, पैठि मंदिर मैं, दूध-दही सब सखनि खवायौ।

ऊखल चढ़ि, सींके कौ लीन्हौ, अनभावत भुइँ मैं ढरकायौ।

दिन प्रति हानि होति गोरस की, यह ढोटा कौनै ढंग लायौ।

सूर स्याम कौं हटकि न राखै तैं ही पूत अनोखौ जायौ।

व्याख्या:   एक गोपी उलाहना देते हुए मैया यशोदा से कहती है कि तुम्हारे लाडले ने मेरा सारा मक्खन खा लिया है। तुम्हारा लाडला दिन में दोपहर के समय घर में सुनसान समझकर घुस आया और उसने सारा मक्खन ढूंढ ढूंढ कर खा लिया। अगर वह अकेला मक्खन खाता तो भी चलो कोई बात नहीं थी, पर उसने तो अपने सारे साथी-संगियों को भी साथ में घर में घुसा लिया और वे लोग साला दूध, दही, मक्खन सब खा गए। उसने ऊखल पर चढ़कर छींके पर रखा सारा गोरस भी ले लिया। उसे गोरस अच्छा नहीं लगा, तो उसे जमीन पर गिरा दिया। इस तरह हमारा इतनी मेहनत से बनाया गोरस रोज बर्बाद हो जाता है। तुम्हारा लाडला हमारी सारी मेहनत को पर पानी फेर देता है। तुमने अपने पुत्र को किस तरह के काम पर लगा दिया है। तुम श्याम सुंदर को मना करके अपने घर पर क्यों नहीं रखती। तुमने यह कैसा अनोखा पुत्र उत्पन्न किया है ।

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कुछ और जानें —▼

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सूरदास के पदों में पुरइन पात और तेल की गागर का उदाहरण किस संदर्भ में दिया गया है?

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Answered by rt7385212
5

तेरै लाल मेरौ माखन खायौ।

दुपहर दिवस जानि घर सूनो ढूँढ़ि-ढंढोरि आपही आयौ।

खोलि किवारि, पैठि मंदिर मैं, दूध-दही सब सखनि खवायौ।

ऊखल चढ़ि, सींके कौ लीन्हौ, अनभावत भुइँ मैं ढरकायौ।

दिन प्रति हानि होति गोरस की, यह ढोटा कौनै ढंग सूर स्याम कौं हटकि न राखै तैं ही पूत अनोखौ जायौ।

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