तेरे-मेरे बीच कहीं है एक घृणामय भाईचारा।संबंधों के महासमर में तू भी हारा मैं भी हारा॥ बँटवारे ने भीतर-भीतरऐसी-ऐसी डाह जगाई। जैसे सरसों के खेतों मेंसत्यानाशी उग-उग आई ॥ तेरे-मेरे बीच कहीं है टूट-अनटूटा पतियारा।।संबंधों के महासमर में तू भी हारा मैं भी हारा॥अपशब्दों की बंदनवारेंअपने घर हम कैसे जाएँ। जैसे साँपों के जंगल मेंपंछी कैसे नीड़ बनाएँ। तेरे-मेरे बीच कहीं है भूला-अनभूला गलियारा।संबंधों के महासमर में तू भी हारा मैं भी हारा॥ बचपन की स्नेहिल तसवीरेंदेखें तो आँखें दुखती हैं। जैसे अधमुरझी कोंपल सेढलती रात ओस झरती है। तेरे-मेरे बीच कहीं है बूझा-अनबूझा उजियारा।संबंधों के महासमर में तू भी हारा मैं भी हारा॥
तेरे-मेरे बीच कहीं है एक घृणामय भाईचारा’ का भाव है– *
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Answer:
मेरे बीच कहीं है टूट-अनटूटा पतियारा।।संबंधों के महासमर में तू भी हारा मैं भी हारा॥अपशब्दों की बंदनवारेंअपने घर हम कैसे जाएँ। जैसे साँपों के जंगल मेंपंछी कैसे नीड़ बनाएँ। तेरे-मेरे बीच कहीं है भूला-अनभूला गलियारा।संबंधों के महासमर में तू भी हारा मैं भी हारा॥ बचपन की स्नेहिल तसवीरेंदेखें तो आँखें दुखती हैं। जैसे अधमुरझी कोंपल सेढलती रात ओस झरती है। तेरे-मेरे बीच कहीं है बूझा-अनबूझा उजियारा।संबंधों के महासमर में तू भी हारा मैं भी हारा॥
तेरे-मेरे बीच कहीं है एक घृणामय भाईचारा’ का भाव है–
इसका सही जवाब है :
परस्पर संबंधों में इतनी घृणा हो गई कि भाई चारा कहाँ रह गया |
व्याख्या :
तेरे-मेरे बीच कहीं है एक घृणामय भाईचारा’ का भाव है– परस्पर संबंधों में इतनी घृणा हो गई कि भाई चारा कहाँ रह गया | आजकल आपसी संबंध बहुत जल्दी टूट जाते है | आज के समय में भाईचारा खत्म हो गया है | भाई , भाई आज एक दूसरे की मदद नहीं करते है | आपस में सब दुश्मन बने हुए है |