त्रिनेत्रोऽपि शिवो नास्मि घटो नास्मि जलान्वितः।
कूर्चश्मश्रुयुतो नित्यं नरो नास्मि ब्रवीतु माम्॥4॥
हिन्दी अनुवाद
Answers
Answered by
0
Answer:
ummm
Explanation:
what
Similar questions