त्रिपुरा 'बहुधार्मिक समाज' का उदाहरण कैसे बना?
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उत्तर :
त्रिपुरा भारत के सबसे छोटे राज्यों में से एक हैं। यहां के स्थानीय निवासियों की संख्या बहुत कम है, किंतु त्रिपुरा के आसपास से बहुत लोग आकर यहां बस गए हैं ।यह तीन तरफ से बांग्लादेश से घिरा हुआ है। इसके सोनामुरा बेलोनिया, सवरूप और कैलाशनगर शहर बांग्लादेश की सीमा से जुड़े हुए हैं । बांग्लादेश से लोगों का गैरकानूनी ढंग से त्रिपुरा में लगातार आना जाना लगा रहता है। इन लोगों को त्रिपुरा में सामाजिक स्वीकृति भी मिली हुई है। असम और पश्चिम बंगाल से भी लोगों को त्रिपुरा में आना जाना होता है। इस प्रकार त्रिपुरा में आसपास के अनेक लोग आकर बस जाते हैं। ये लोग अलग-अलग धर्म में आस्था रखने वाले होते हैं । धीरे-धीरे त्रिपुरा में १९ अनुसूचित जातियां और विश्व के चारों बड़े धर्मों के लोग आकर बस गए हैं। इस प्रकार त्रिपुरा बहुधार्मिक समाज का उदाहरण बन गया है।
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Answer:-
त्रिपुरा भारत के सबसे छोटे राज्यों में से एक हैं। यहां के स्थानीय निवासियों की संख्या बहुत कम है, किंतु त्रिपुरा के आसपास से बहुत लोग आकर यहां बस गए हैं ।यह तीन तरफ से बांग्लादेश से घिरा हुआ है। इसके सोनामुरा बेलोनिया, सवरूप और कैलाशनगर शहर बांग्लादेश की सीमा से जुड़े हुए हैं । बांग्लादेश से लोगों का गैरकानूनी ढंग से त्रिपुरा में लगातार आना जाना लगा रहता है। इन लोगों को त्रिपुरा में सामाजिक स्वीकृति भी मिली हुई है। असम और पश्चिम बंगाल से भी लोगों को त्रिपुरा में आना जाना होता है। इस प्रकार त्रिपुरा में आसपास के अनेक लोग आकर बस जाते हैं। ये लोग अलग-अलग धर्म में आस्था रखने वाले होते हैं । धीरे-धीरे त्रिपुरा में १९ अनुसूचित जातियां और विश्व के चारों बड़े धर्मों के लोग आकर बस गए हैं। इस प्रकार त्रिपुरा बहुधार्मिक समाज का उदाहरण बन गया है।
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