त्रिपक्षीय संघर्ष की संक्षिप्त में व्याख्या करें?
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इन तीन राजवंशों के बीच कन्नौज पर नियंत्रण के लिए हुए संघर्ष को भारतीय इतिहास में त्रिपक्षीय संघर्ष के रूप में जाना जाता है। कन्नौज के लिए दोनों धर्मपाल, पाल राजा और प्रतिहार राजा, वत्सराज एक दूसरे के खिलाफ भिड़ गए। प्रतिहार राजा, वत्सराज विजयी हुआ लेकिन उन्हें राष्ट्रकूट राजा ध्रुव प्रथम से हार का सामना करना पड़ा।
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हर्षवर्धन के शासन काल से ही 'कन्नौज' पर नियंत्रण उत्तरी भारत पर प्रभुत्व का प्रतीक माना जाता था। अरबों के आक्रमण के उपरान्त भारतीय प्रायद्वीप के अन्तर्गत तीन महत्त्वपूर्ण शक्तियाँ थीं- गुजरात एवं राजपूताना के गुर्जर-प्रतिहार, दक्कन के राष्ट्रकूट एवं बंगाल के पाल। कन्नौज पर अधिपत्य को लेकर लगभग 200 वर्षों तक इन तीन महाशक्तियों के बीच होने वाले संघर्ष को ही त्रिपक्षीय संघर्ष कहा गया है। इस संघर्ष में अन्तिम सफलता गुर्जर-प्रतिहारों को मिली।
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