Science, asked by jatwarjai, 6 months ago

त्रि-संलयन क्या है ?​

Answers

Answered by abhishekpatel59259
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Answer:

परागनलिका से मुक्त दोनों नर केन्द्रकों में से एक मादा केन्द्रक से संयोजन करता है। दूसरा नर केन्द्रक भ्रूणकोष में स्थित द्वितीयक केन्द्रक (2n) से संयोजन करता है। द्वितीयक केन्द्रक में दो केन्द्रक पहले से होते हैं तथा नर केन्द्रक से संलयन के पश्चात् केन्द्रकों की संख्या तीन हो जाती है। तीन केन्द्रकों का यह संलयन, त्रिसंलयन (triple fusion) कहलाता है। त्रिसंलयन की प्रक्रिया भ्रूणकोष में होती है तथा इसमें ध्रुवीय केन्द्रक अर्थात् द्वितीयक केन्द्रक व नर केन्द्रक सम्मिलित होते हैं।

Explanation:

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Answered by rupamkumarisharmaa
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Answer:

परागण के फलस्वरुप परागकण वर्तिकाग्र पर पहुंचते हैं। परागकण अंकुरित होकर परागनलिका बनाते हैं। परागनलिका में जनन कोशिका (generative cell) विभाजित हो कर दो नर युग्मक (male gametes) बनाती है। परागनलिका नर युग्मकों को भ्रूणकोष में पहुंचाती है । भ्रूणकोष में एक नर युग्मक अण्ड कोशिका (female gamete) से मिलकर युग्मनज (zygote) बनाता है। इसे संयुग्मन (syngamy) कहते हैं । दूसरा नर युग्मक द्विगुणित द्वितीयक केंद्रक (secondary nucleus) या दो अगुणित ध्रुवीय केंद्रकों (polar nuclei) से मिलकर त्रिगुणित (triploid) प्राथमिक भ्रूणपोष केंद्रक (primary endospermic nucleus) बना लेता है। इस क्रिया को त्रि-संलयन कहते हैं।

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