त्रिसंलयन क्या है ? यह कहाँ और कैसे सम्पन्न होता है ? त्रिसंलयन में सम्मिलित न्यूकिली
14 शुक्र जनन एवं अण्ड जनन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
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रागण के फलस्वरुप परागकण वर्तिकाग्र पर पहुंचते हैं। परागकण अंकुरित होकर परागनलिका बनाते हैं। परागनलिका में जनन कोशिका (generative cell) विभाजित हो कर दो नर युग्मक (male gametes) बनाती है। परागनलिका नर युग्मकों को भ्रूणकोष में पहुंचाती है । भ्रूणकोष में एक नर युग्मक अण्ड कोशिका (female gamete) से मिलकर युग्मनज (zygote) बनाता है। इसे संयुग्मन (syngamy) कहते हैं । दूसरा नर युग्मक द्विगुणित द्वितीयक केंद्रक (secondary nucleus) या दो अगुणित ध्रुवीय केंद्रकों (polar nuclei) से मिलकर त्रिगुणित (triploid) प्राथमिक भ्रूणपोष केंद्रक (primary endospermic nucleus) बना लेता है। इस क्रिया को त्रि-संलयन कहते हैं।
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