तारा शब्द की विशेषताएं
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तारे (Stars) स्वयंप्रकाशित (self-luminous) उष्ण वाति की द्रव्यमात्रा से भरपूर विशाल, खगोलीय पिंड हैं। इनका निजी गुरुत्वाकर्षण (gravitation) इनके द्रव्य को संघटित रखता है। मेघरहित आकाश में रात्रि के समय प्रकाश के बिंदुओं की तरह बिखरे हुए, टिमटिमाते प्रकाशवाले बहुत से तारे दिखलाई देते हैं। सूर्य बड़ा तारा है|
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रात्रि आकाश में चमकनेवाले नक्षत्र
Explanation:
- रात्रि आकाश में दिखाई देने वाले असंख्य चमकनेवाले नक्षत्रों को तारा ( बहुवचन- तारे) कहते है।
- तारे स्वयंप्रकाशित (self-luminous) उष्ण वाति की द्रव्यमात्रा से भरपूर विशाल, खगोलीय पिंड है जो के अपना प्रकाश उत्सर्जित करते हैं।
- सूर्य भी एक तारा है। तारे सूर्य की तुलना में लाखों गुना अधिक दूर हैं। इसीलिए तारे हमें सूर्य की तुलना में बिन्दु जैसे प्रतीत होते हैं।
- असल में, दिन के समय भी आकाश में तारे होते हैं। उस समय सूर्य के तीव्र प्रकाश के कारण वे हमें दिखाई नहीं देते। ध्रुव तारा एक ऐसा तारा है जो पृथ्वी के अक्ष की दिशा में स्थित है। यह गति करता प्रतीत नहीं होता।
- तारा शब्द की विशेषताएं कुछ इस प्रकार लिखि जासकती है-
1. तारा टूटना-मतलब तारे का आकाश से अपनी कक्षा (orbit) से
निकलकर पृथ्वी पर या आकाश में किसी ओर गिरना।
2. तारा डूबना- (1) किसी तारे या नक्षत्र का
अस्त होना। (ख) शक्र का अस्त होना ।
(शुक्रास्तं में हिंदुओं के यहाँ मंगल कार्य नहीं किये जाते)
3. तारा सी आँखें हो जाना- ऊँचाई या दूरी पर पहुँच
जाना कि तारे की तरह बहुत छोटा जान पड़ने लगे।
4. तारे खिलना या छिटकना - आकाश में तारों का
चमकते हुए दिखाई देना।
5. तारे गिनना- चिंता/ विकलता आदि से नींद न आने के कारण कष्टपूर्वक
जागकर रात बिताना।
6.तारे तोड़ लाना- कठिन से कठिन अथवा प्रायः असंभव से
काम कर दिखाना।
7. तारे दिखाना -असंभव से बातें करना
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