Science, asked by ishika6501, 13 hours ago

त्रिशक्ति संघर्ष किन-किन के बीच था इस संघर्ष का मूल कारण क्या था​

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Answered by diyapardhi2006
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Explanation:

पूर्व मध्यकालीन उत्तर भारत में साम्राज्य विस्तार हेतु तीन प्रमुख शक्तियाँ पाल, प्रतिहार एवं राष्ट्रकूट प्रयास कर रही थी |

साम्राज्य विस्तार हेतु घटित इस त्रिपक्षीय संघर्ष की अनवरत श्रृखंला प्राचीन भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है ।

पाल गुर्जर प्रतिहार एवं राष्ट्रकूट उत्तर भारत के प्रमुख नगर कन्नौज पर आधिपत्य जमाने के लिये लम्बे समय तक संघर्ष करते रहे |

इसे ही त्रिशक्ति संघर्ष, त्रिपक्षीय संघर्ष, त्रिकोणात्मक संघर्ष, त्रिवंशीय त्रिराज्यीय संघर्ष आदि नामों से जाना जाता है ।

तत्कालीन परिस्थितियों मे कन्नौज पर अधिपत्य किए बिना उत्तरभारत का राजा बनना तथा चक्रवर्ती सम्राट कहलाना सम्भव नहीं था ।

इनके परस्पर संघर्ष मे आक्रमण तथा प्रत्याक्रमण की श्रृखंला शक्ति परीक्षण तथा शक्ति सन्तुलन के उद्देश्य से लगभग पोने दो सौ साल तक चलती रही।

कान्यकुब्ज (कन्नौज) पर निर्बल आयुध वंश से उत्पन्न राज्य था । जिससे प्रोत्साहित होकर परिस्थिति का लाभ उठाकर प्रतिहार ओर पाल दोनों वंशों ने कान्यकुब्ज राज्य को अपने अधिकार में रखने की कोशिश की ।

अवसर पाकर दक्षिणी भारत के राष्ट्रकूट वंश ने भी उत्तर भारत की राजनीति में भाग लिया । परिणामत; इन तीनों वंशों के बीच दीर्धकालीन संघर्ष का सूत्रपात हुआ । जिसे त्रिपक्षीय संघर्ष कहा जाता है ।

यह त्रिपक्षीय संघर्ष पूर्वमध्यकालीन भारत की आठवीं व नोवीं शताब्दि की एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है ।

ये सभी हर्षोत्तर काल में उत्तरीभारत में उत्पन्न हुई रिक्तता का लाभ उठाकर गंगा घाटी का स्वामित्व प्राप्त करना चाहते थे, और कन्नौज इस राजनीतिक लक्ष्य का प्रतीक बन गया था |

Answered by sunilratnakar1970
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