Hindi, asked by shivank228, 1 year ago

त्रिवेदी को बहुब्रीहि समास में बनाइये

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Answered by Anonymous
7

त्रिवेदी – तीन वेदोँ का ज्ञाता.



Bahuvrihi Samas (बहुव्रीहि समास)

इस समास में कोई भी पद प्रधान न होकर अन्य पद प्रधान होता है विग्रह करने पर नया शब्द निकलता है पहला पद विशेषण नहीं होता है विग्रह करने पर समूह का बोध भी नहीं होता है 

Short Hint : बहुव्रीहि समास के अंतर्गत शब्द का विग्रह करने पर नया शब्द बनता है या नया नाम सामने आता है 

उदाहरण :

Trinetra (त्रिनेत्र) - भगवान शिव
Veenapani (वीणापाणी) - सरस्वती
Shwetambar (श्वेताम्बर) - सरस्वती
Gajanan (गजानन) - भगवान गणेश
Girdhar (गिरधर) - भगवान श्रीकृष्ण
चक्रपाणी - चक्र को धारण करने वाला (श्रीकृष्ण)
दशानन - दस सर है जिसके (रावण)
लम्बोदर - लम्बा पेट है जिसका (गणेश)
मुरलीधर - मुरली बजाने वाला (श्रीकृष्ण)
गिरिधर - गोवर्धन पर्वत को उठाने वाला (श्रीकृष्ण)











shivank228: तीन वेदो का ज्ञाता किसे कहते है
Answered by Anonymous
4
तीन वेदों का समूह - द्विगु

समास - दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से जब एक नया शब्द बनता है , उसे समास कहते है ।

समास के भेद -

★ तत्पुरुष समास - जिस समास में पहला पद प्रधान हो ।
उदहारण - रसोईघर - रसोई के लिए घर ।

★ कर्मधारय समास - जिस समास में उपमेय उपमान या विशेषण विशेष्य में तुलना की जाए ।
उदहारण - चंद्रमुखी - चंद्र के समान मुख ।

★ अव्ययीभाव समास - जिस समास में पहला पद अव्यय हो । उदहारण -घरोघर - हर घर ।

★ द्विगु समास - जिस समास में पहला पद संख्यावाची हो ।
उदहारण - त्रिलोचन - तीन आखों का समाहार।

★ बहुव्रीहि समास -जहाँ कोई अन्य पद प्रधान हो। उदहारण - दामोदर - चोड़ा उदर है जिसका (गणेश) ।

★ द्वंद्व समास -जिस समास में दोनों ही पद प्रधान हो । उदहारण - माता पिता ।
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