Hindi, asked by Ultra7king, 5 months ago

तिस्ता नदी के किनारे बने गेस्ट हाउस में सैलानियों के नृत्य-गान का वर्णन मधु कांकरिया ने किस तरह किया है ?

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Answered by poojabijucom
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Answer:

लेखिका अब खूबसूरत प्राकृतिक नजारों , आसमान छूते पर्वत शिखरों , ऊंचाई से दूध की धार की तरह झर-झर गिरते जलप्रपातों , नीचे पूरे वेग से बहती चांदी की तरह चमकती तीस्ता नदी को देखकर अंदर ही अंदर रोमांचित महसूस कर रही थी।

तभी उनकी जीप “सेवेन सिस्टर्स वॉटरफॉल” पर रूक गई। यहाँ पहुंचकर लेखिका को ऐसा लग रहा था जैसे उनके अंदर की सारी बुराइयां व  दुष्ट वासनाएँ इस झरने के निर्मल धारा में बह गई हों।  यह दृश्य लेखिका के मन व आत्मा को शांति देने वाला था।

धीरे-धीरे लेखिका का सफर आगे बढ़ता गया और प्राकृतिक दृश्य पल पल में कुछ यूं बदल रहे थे जैसे कोई जादू की छड़ी घुमा कर इन दृश्यों को बदल रहा हो। पर्वत , झरने , घाटियों , वादियों के दुर्लभ नजारे सभी कुछ बेहद खूबसूरत था । तभी लेखिका की नजर “थिंक ग्रीन”  बोर्ड पर पड़ गई। सब कुछ कल्पनाओं से भी ज्यादा सुंदर था।

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