Hindi, asked by shreyasahu3657, 4 months ago

। तूं तूं करता तूं तूं भया, मुझमें रही न हूँ।
वारी फेरी बलि गई, जित देखौं तित तूं
sprasang arth likhiye​

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Answered by utkarsh2772
7

Answer:

कबीरदास कहते हैं कि मुझमें अहंभाव समाप्त हो गया। मैं पूर्ण रूप से तेरे ऊपर न्यौछावर हो गया हूँ और अब जिधर देखता हूँ, उधर तू ही तू दिखलाई देता है अर्थात् सारा जगत् ब्रह्ममय हो गया है।

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