Hindi, asked by mrunalisankhe1981, 8 hours ago

टूटी नाव की आत्मकथा 80 से 100 शब्दो मे निबंध ​

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Answered by shiv37887
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Answer:

मैं पहाड़ों में पैदा हुए नीर का एक स्रोत हूं। मेरी उत्पत्ति पहाड़ों में बर्फ पिघलने से हुई है। प्रकृति ने मुझे प्राणियों के उद्धार के लिए बनाया है। मेरा मुख्य कार्य जीवों को नीर की आपूर्ति करना है। मैं जहां भी बंजर भूमि से होकर बहती हूं, वहां मुझमें हरा-भरा बनाने की क्षमता है। पहाड़ों से बाहर निकलते समय, मेरा रूप बहुत छोटा होता है, लेकिन जैसे-जैसे मैं आगे बढ़ती हूं, मैं बड़ी होती जाती हूं और आखिरकार समुद्र में चली जाती हूं। लेकिन समुद्र में शामिल होने से पहले, मैं अपनी आसपास की जमीन को हरा-भरा कर देती हूं। इतना ही नहीं, इसके अलावा भी कई जीव मुझमें पनपते हैं और मुझमें रहते हैं और अपने जीवन का संचालन करते हैं।समुद्र में मिलने से पहले और पहाड़ों से निकलने के बाद मुझे काफी मशक्कत करनी पड़ती है। मेरे सामने कई बाधाएँ आती हैं, लेकिन मैं उन बाधाओं का साहसपूर्वक सामना करके अपना काम पूरा करती हूँ। मेरे अवरोधक पदार्थ छोटे और बड़े कंकड़, पत्थर और चट्टान हैं, लेकिन मैं आसानी से उन्हें पार कर लेती हूं और अपना रास्ता खोज लेती हूं।

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