History, asked by omprakashpaushrya200, 6 hours ago

तांत्रिक पूजा पद्धति क्या थी? इसकी दो विशेषताएँ लिखिए।​

Answers

Answered by ss2538159
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Answer:

अधिकांशत: शिव और पार्वती के संवाद के रूप में है।

बातों को रहस्यमय एवं लाक्षणिक ढ़ंग से कहा गया है।

तंत्र की तीन प्रमुख धाराएं हैं - दक्षिण, वाम और मध्यम।

कर्मकाण्डों की प्रधानता है तथा इसके अधिकांश ग्रन्थ एक प्रकार से 'व्यावहार-पुस्तिका' (प्रैक्टिकल मैनुअल) जैसे ग्रन्थ हैं।

Answered by shishir303
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तांत्रिक पूजा पद्धति भारतीय उपमहाद्वीप के अनेक भागों में प्रचलित थी। इस पद्धति के तहत किसी मंत्रोच्चारण एवं विभिन्न कर्मकाण्डों द्वारा किसी विशिष्ट देवी-देवता को प्रसन्न किया जाता था और उस देवी-देवता से मनोवांछित कार्य सिद्ध कराया जाता था।

इस पद्धति की दो विशेषताएं इस प्रकार थीं...

तांत्रिक पूजा पद्धति में स्त्री और पुरुष दोनों ही भाग ले सकते थे, इसमें लिंग के आधार पर कोई भेद नहीं होता था।

तांत्रिक पूजा पद्धति के कर्मकांड में वर्ग अथवा वर्ण का भी कोई विचार नहीं किया जाता था। और इसमें किसी भी तरह के वर्ण और वर्ग वाले लोग भाग ले सकते थे।

#SPJ3

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