टूटे दिल को प्यार से जोड़ सके तो जोड़।
परिटेड
पौधे ने घटि नहीं, नाम पूछकर फूल,
हमने ही खोले बहुत, स्वारथ के इस्कूल।
selfish
धर्म अलग, भाषा अलग, फिर भी हम सब एक,
विविध रंग करते नहीं, हमको कभी अनेक।
सबसे
नहीं
जो भी करता प्यार चो, पा लेता है प्यार,
प्यार नकद का काम है, रहता नहीं उधार ।
वैसा
भिजवेलों में खुदा, कण-कण में भगवान,
लेकिन जरे' को कभी, अलग न 'कण' से मान ।
आदि
इसीलिए हम प्यार की, करते साज-सम्हार,
नफरत से नफरत बढ़े, बढ़े प्यार से प्यार ।
शान
भाँति-भाँति के फूल हैं, फल बगिया की शान,
फल बगिया लगती रही, मुझको हिंदुस्तान ।
हम सब जिसके नाम पर, लड़ते हैं हर बार,
उसने सपने में कहा, लड़ना है बेकार !
कता
कितना अच्छा हो अगर, जलें दीप से दीप,
ये संभव तब हो सके, आएँ दीप समीप ।। Question
1) Khuda aur bhagvaan ko dohe main kya kaha gaya hai ?
2) Hamein kisi se nafrat Kyun nahi karni chahiye ?
3) Deep se deep kab jalenge ?
please answer the questions see the paragraph
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