तितली कविता के कवि का नाम बताइए?
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सुमित्रानंदन पंत की प्रसिद्ध तितली पर कविता
पंखों की प्रिय पँखड़ियाँ खोल।
answer : सुमित्रानंदन पंत की प्रसिद्ध तितली पर कविता :
नीली, पीली और चटकीली
पंखों की प्रिय पँखड़ियाँ खोल।
प्रिय तितली! फूल-सी ही फूली
तुम किस सुख में हो रही डोल।।
चाँदी-सा फैला है प्रकाश,
चंचल अंचल-सा मलयानिल।
है दमक रही दोपहरी में
गिरि-घाटी सौ रंगों में खिल।।
तुम मधु की कुसुमित अपसरी-सी
उड़-उड़ फूलों को बरसाती।।
शत इन्द्र चाप रच-रच प्रतिपल
किस मधुर गीत-लय में जाती।।
तुमने यह कुसुम-विहग लिवास
क्या अपने सुख से स्वयं बुना।
छाया-प्रकाश से या जग के
रेशमी परों का रंग चुना।।
क्या बाहर से आया, रंगिणि
उर का यह आतप, यह हुलास।
या फूलों से ली अनिल-कुसुम
तुमने मन के मधु की मिठास।।
चाँदी का चमकीला आतप
हिम-परिमल चंचल मलयानिल।
है दमक रही गिरि की घाटी
शत रत्न-छाय रंगों में खिल।।
इस सुख का स्रोत कहाँ
जो करता निज सौन्दर्य-सृजन।
’वह स्वर्ग छिपा उर के भीतर’
क्या कहती यही, सुमन-चेतन।।
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