टूटता
है
तन
तड़प,
मगर
qक
मघ
मत
बरस।
े
खड़ा
है
सयू
ऊपर,
धरा
है
वÜ
म > रा
पाँव।
े
कूटता
है
fण
घन
स > ,
कोई
दोन<
हाथ
म े रेे।
जमU
पर
बीज
अपन,
िकरण
चम-चम।
े
घहरता
fण
घन-घन-घन।
>
िपघलकर
रT
दोन<
पàर<
स
चे मता
भ ू ।
ू
मृदा
स
गे ध
उठती
स<धी-स<धी।
ं
और
उग
आत
सन े
िमâी
सहä<
हाथ
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टूटता
है
तन
तड़प,
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qक
मघ
मत
बरस।
े
खड़ा
है
सयू
ऊपर,
धरा
है
वÜ
म > रा
पाँव।
े
कूटता
है
fण
घन
स > ,
कोई
दोन<
हाथ
म े रेे।
जमU
पर
बीज
अपन,
िकरण
चम-चम।
े
घहरता
fण
घन-घन-घन।
>
िपघलकर
रT
दोन<
पàर<
स
चे मता
भ ू ।
ू
मृदा
स
गे ध
उठती
स<धी-स<धी।
ं
और
उग
आत
सन े
िमâी
सहä<
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