तोड़ दो मन में कसी सब श्रृंखलाएँ,
तोड़ दो मन में बसी संकीर्णताणे।
बिंदु बनकर मैं तुम्हें ढलने न दूंगा,
सिंधु बन तुमको उठाने आ रहा हूँ।
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no hindi sorry for the delay in getting
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