Hindi, asked by manishbansalmb567, 1 month ago

तोड़ती पत्थर कविता पूंजीवादी समाज पर प्रहार करती हैसार्थकता बताई

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Answered by tanya3534
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Answer:

वह तोड़ती पत्थर' कविता कवि निराला के द्वारा लिखा गया है। इस कविता के अनुसार कवि और बताना चाहता है कि हमारे समाज में दो प्रकार के लोग रहते हैं जिन्हें कभी अपनी भाषा में कहा है शोषक और शापित। ... इसीलिए इस कविता में कवि ने पूंजीवादी वर्ग को शोषक वर्ग का दर्जा देकर उनके ऊपर तीखा प्रहार किया है।

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