Hindi, asked by saksheeuddey, 4 months ago

तोड़ती पत्थर निराला की एक कविता है इस कथन के औचित्य पर प्रकाश डालिए​

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Answered by barmanv387
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Answer:

Nirala douara uchit todti pathar ak yesi marmsparsi kabita hai

Answered by bhatiamona
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तोड़ती पत्थर निराला की एक कविता है इस कथन के औचित्य पर प्रकाश डालिए​ :

तोड़ती पत्थर कविता सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला द्वारा लिखी गई है |

कविता में कवि कहना चाहते है, वह तोड़ती पत्थर कविता में निराला ने प्रतिकूल परिस्थितियों में श्रम करती महिला का चित्रण किया है | सचमुच इलाहाबाद की किसी सड़क के किनारे पत्थर तोड़कर गिट्टी बनाती मज़दूर औरत मेहनत करती है |

दोपहर की धूप में महिला स्वयं एक जड़ पत्थर की भाँति है जिसे नियति लगातार तोड़ रही है I श्रमिका पत्थर तोड़ने जैसे कठोर कर्म में प्रवृत्त है I वह एक वृक्ष के नीचे बैठी है पर वह पेड़ तनिक भी छायादार नहीं है I

वह किसी ऊंचे कुल से सम्बंधित नहीं है I शायद वह पिछड़े तबके की हो या फिर अनुसूचित जाति की सदस्य हो सकती है , इसी कारण उसे इतनी मेहनत करनी पड़ रही है | अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए कड़ी दोपहर में मेहनत कर रही है | कोई भी उसके प्रति दया भावना नहीं दिखा रहा था |

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