टीवी की भाषा की दो विशेषताए
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TV se hame desh bidesh ki jankari prapt hoti hai।
टीवी से हमें नए नए टेक्नोलॉजी का पता चलता है
टेलीविजन पत्रकारिता पर आई एक नई किताब में भाषाई प्रयोग को समझाने की कोशिश की गई है.किताब में किताबी नहीं व्यवहारिक बातें बताई हैं. इससे सिर्फ नए पत्रकारों को ही नहीं जमे-जमाए पत्रकारों को भी फायदा मिलेगा.
किताब में न सिर्फ टेलीविजन की दुनिया के अनुरूप शब्दों और वाक्यों के बारे में बताया गया है बल्कि स्लग, टॉपिक, प्रोमो, हेडलाइंस, एंकर या फिर रिपोर्टर की भाषा पर अलग-अलग चैप्टर बनाकर विस्तारपूर्वक बताया गया है.
इस किताब की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसमें हर टॉपिक पर ढेरों उदाहरण दिए गए हैं.नए पत्रकारों के लिए सबसे बडा फायदा यह है कि वो इस किताब से टेलीविजन पत्रकारिता की दुनिया से वाकिफ हो सकेंगे.अगर उन्हें न्यूज चैनल में काम करना है तो वह इस किताब के जरिए टीवी की दुनिया की भाषा से परिचित हो सकेंगे.यही नहीं इसमें स्क्रिप्टिंग को लेकर न सिर्फ विस्तार से बताया गया है, बल्कि चौदह उदाहरण भी दिए गए हैं.