Hindi, asked by yogita486, 5 hours ago

टीवी में भूकंप का समाचार सुनकर दो मित्रों के बीच संवाद​

Answers

Answered by TonyShark1001
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Answer:

Explanation:

उत्तरः

समीर – संजय, क्या तुम्हें उत्तराखंड में आए भूकंप की कुछ जानकारी मिली?

संजय – हाँ समीर, कल शाम को मैं अपने पापा के साथ दूरदर्शन पर समाचार देख रहा था तभी इस बारे में जान गया।

समीर – ऐसी प्राकृतिक आपदा देखकर मेरा तो मन भर आया।

संजय – ठीक कहा समीर तुमने, टूट-फूट चुके घर, तबाह हो गई जिंदगियाँ, धंसी ज़मीन, टूटी सड़कें, जगह-जगह शरणार्थी से बैठे लोगों को देखकर आँखों में आँसू आ गए।

समीर – मित्र, मैंने तो इन लोगों के आँसू पोछने के लिए सोचा है।

संजय – क्या मतलब? .

समीर – हमें इन लोगों की मदद करनी चाहिए।

संजय – हमारे पास साधन भी तो नहीं है।

समीर – दृढ़ इच्छा और लगन से सब कुछ संभव है। मैंने अपने स्कूल के कुछ छात्रों से बात की तो वे सहर्ष तैयार हो गए हैं। आज हम अपना-अपना सहयोग देंगे। इनमें दवाएँ, माचिस, मोमबत्तियाँ, कपड़े, खाने का सामान आदि होगा।

संजय -फिर?

समीर – इन्हें लेकर मैं उत्तराखंड के उन शिविरों में जाऊँगा, जहाँ पीड़ित भूखे-प्यासे बैठे हैं।

संजय – मैं भी तुम्हारे साथ चलूँगा। मैं भी उनकी कुछ सेवा करना चाहता हूँ।

समीर – यह तो बहुत अछि बात होगी।

संजय – मैं कल सवेरे ही तुमसे मिलता हूँ।

प्रश्नः 2.

किसी क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि पर फैक्ट्रियाँ लगाई जा रही हैं। इससे किसानों की भूमि और रोटी-रोजी छिन रही है। इस संबंध में दो मित्रों की बातचीत को संवाद रूप में लिखिए।

उत्तरः

अमन – अरे! श्याम, कहाँ से चले आ रहे हो?

श्याम – अपने मित्र के घर गया था, जो नहर के उस पार वाले गाँव में रहता है।

अमन – क्यों, क्या ज़रूरत आ गई थी?

श्याम – उस गाँव के पास कुछ फैक्ट्रियाँ लगाए जाने की योजना है। वहाँ के किसानों की भूमि अधिगृहीत की जा रही है।

अमन – देश के विकास के लिए फैक्ट्रियों की स्थापना ज़रूरी है।

श्याम – वह तो है पर क्या कभी सोचा है कि इससे किसानों की रोटी-रोजी छिन जाएगी। वे भूखों मरने को विवश हो जाएँगे।

अमन – सुना है कि सरकार परिवार के किसी एक व्यक्ति को नौकरी देती है।

श्याम – एक व्यक्ति के नौकरी के बदले सोना उगलने वाली ज़मीन पर फैक्ट्री लगाना ठीक नहीं है। इससे लाभ कम नुकसान अधिक है।

अमन – वह कैसे?

श्याम – फैक्ट्रियाँ लगाने से हरियाली नष्ट तो होगी ही साथ ही पर्यावरण भी प्रदूषित होगा, जिसका दुष्प्रभाव दूरगामी होता है।

अमन – इसका उपाय क्या है?

श्याम – इसका एक विकल्प यह है कि इन फैक्ट्रियों को ऐसी जगह पर स्थापित किया जाए जहाँ की भूमि पथरीली या ऊसर हो।

अमन – इस विषय पर सरकार को विचार करना चाहिए।

श्याम – हाँ, इससे हमारा पर्यावरण संतुलित रह सकेगा और खाद्यान्न भी मिलता रहेगा।

प्रश्नः 3.

बढ़ते आतंकवाद पर चिंता प्रकट कर रहे दो मित्रों की बातचीत का संवाद लेखन कीजिए।

उत्तरः

अजय – नमस्ते विजय, कैसे हो?

विजय – नमस्ते अजय, मैं ठीक हूँ। कुछ चिंतित से दिख रहे हो, क्या बात है?

अजय – मेरी चिंता का कारण है, आज के समाचार पत्रों के मुख पृष्ठ पर छपी खबर जिसे शायद तुमने नहीं पढ़ा है।

विजय – आज मेरे घर अखबार नहीं आया है। बताओ तो सही ऐसी क्या खबर है।

अजय – आज पठानकोट पर हुए आतंकी हमले की खबर पढ़कर दुख हुआ। चिंता इस बात की है कि इतना प्रयास करने के बाद भी आतंकवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।

विजय – मित्र, यह कुछ गुमराह युवकों की गलत सोच, लालच और बुरे कार्यों का परिणाम है जिसमें निर्दोषों की जान जाती है और समाज में अशांति फैलती हैं।

अजय – आतंकवादं अब नासूर बन गया है। एक घटना का घाव भरने भी नहीं पाता है कि आतंकी दूसरा घाव दे जाते हैं। पता नहीं आतंकी ऐसा क्यों करते हैं?

विजय – कुछ आतंकी तो धन की लालच में ऐसा करते हैं जबकि कुछ आतंकियों के मस्तिष्क में जाति, धर्म, भाषा आदि का जहर इस तरह भर दिया जाता है कि वे अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकी घटनाओं को अंजाम देते हैं।

अजय – पर यह मानवता के लिए कलंक के समान है। इसे रोका जाना चाहिए।

विजय – यह काम अकेले सरकार से नहीं होगा। इसके लिए युवाओं को भी अपनी सोच बदल लेनी चाहिए।

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