Hindi, asked by Ankitashah, 1 year ago

टि.वी. पर देखे मनपसंद कार्यक्रम के विषय में अपने विचार लिखिए डायरी

Answers

Answered by Anonymous
13

मेरा प्रिय दूरदर्शन कार्यक्रम पर निबन्ध | Essay on My favorite Program on Doordarshan in Hindi!


आज के यांत्रिक युग में दूरदर्शन सबसे अधिक लोकप्रिय हो रहा है । इस पर हर रोज कितने ही कार्यक्रम प्रसारित होते रहते हैं । ये कार्यक्रम बच्चे, युवा नर-नारी और बूढ़ों की रुचि के अनुकूल होते हैं । दोपहर के कार्यक्रम तो बच्चे और महिलाओं के लिए विशेष उपयोगी है ।


दोपहर के भोजन के पश्चात् बच्चे और महिलाएँ इसका बड़ी बेसब्री से प्रतीक्षा करते हैं । नाश्ते के समय का कार्यक्रम भी अच्छा रहता है । दूरदर्शन हर वर्ग को ध्यान रखकर कार्यक्रम दिखाता है कुछ लोग इसमें शास्त्रीय संगीत व नृत्य के कार्यक्रम बड़ी रुचि से देखते हैं तो कुछ लोग पाँप म्यूजिक का आनन्द लेते हैं ।


समाचार, खेल जगत और कृषि जगत से संबन्धित कार्यक्रम भी विशेष रुचि के साथ देखे जाते हैं । यह जितने भी धारावाहिक ( सीरियल ) दिखाता है, वे सभी प्रेरणादायक होते हैं । विशेष रूप से किस्सा शांति का, चाणक्य, भारत की एक खोज, फौजी, जीवन रेखा, मुजरिम हाजिर है, विश्वमित्र, रामायण, महाभारत, गौरव आदि अच्छे कार्यक्रम लगे । इनकी टेली फिल्में भी शिक्षाप्रद और अच्छी होती हैं ।


रविवार को तो सभी प्रसारित कार्यक्रम अच्छे लगने हैं । मेरा सर्वाधिक प्रिय सीरियल है महाभारत । पिछले प्रत्येक रविवार को ‘ महाभारत ’ शीर्षक से यह सीरियल प्रदर्शित किया जाता है । यह कार्यक्रम भारत में रामायण से भी अधिक लोकप्रिय रहा है । इसके दृश्य रामायण से अधिक सुन्दर दर्शाये गये हैं । इसे चार करोड़ से अधिक लोग देखते थे ।


इसकी लोकप्रियता इसी से सिद्ध हो जाती है कि 1989 के लोकसभा चुनावों में जनता की मांग पर मंगलवार को पुन: दिखाया गया है । वास्तव में इस धारावाहिक को कोई भी छोड़ना नहीं चाहता था । चाहे वह कोई बड़ा नेता हो या व्यापारी । इसके पीछे वह आवश्यक कार्य को भी छोड़ देता था । महाभारत के निर्माता-निर्देशक फिल्म जगत के सुप्रसिद्ध निर्देशक बी.आर. चोपड़ा हैं ।


भगवान श्रीकृष्ण, भीष्म पितामह, महात्मा विदुर, धर्मराज युधिष्ठिर, दानवीर कर्ण, वीर अर्जुन, महाबली भीम, दुर्योधन, शकुनि, द्रौपदी तथा कुंती आदि का अभिनय करने वाले कलाकारों को भी इस कार्यक्रम से अत्यधिक लोकप्रियता मिली है । इस कार्यक्रम को देखने के लिए बाल-वृद्ध सभी उत्सुक रहते थे ।


मुझे रामायण काल का साधारण ज्ञान था परन्तु महाभारत मैंने पढ़ी नहीं थी । पाठ्‌य पुस्तक में मैथिलीशरण गुप्त रचित कविता जयद्रथ वध अवश्य पड़ी थी । उसी में वीर अर्जुन श्रीकृष्ण, जयद्रथ और वीर अभिमन्यू पात्रों के विषय में थोड़ा बहुत जान पाया था लेकिन महाभारत देखने पर मुझे अनेक पहलुओं का ज्ञान हुआ है ।




हमारे समक्ष आदर्श जीवन का रूप प्रस्तुत करने में यह कार्यक्रम पूर्णरूप से सफल रहा है । सीरियल देखते हुए जहाँ शकुनि को देखकर क्रोध उमड़ता था वहाँ श्रीकृष्ण का सौम्य छवि को देखकर आत्म-विभोर हो उठता था । ऐसा प्रतीत होता था की भी योगीराज श्रीकृष्ण के युग में जी रहा हूँ । कलाकारों का अभिनय देखकर ऐसा लगता था जैसे महाभारत युग के पात्र वर्तमान युग में धरती पर उतर आए हैं ।


भगवान श्रीकृष्ण का विराट रूप, धर्मराज युधिष्ठिर की शालीनता भीष्म पितामह की अन्तर व्यथित पीड़ा और महात्मा विदुर की स्पष्ट नीति ने विशेष रूप से सबको प्रभावित किया । वस्तुत: इस कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति की सुप्त चेतना को पुन: जगा दिया है । जीवन के विविध पक्षों पर स्थितियों का चित्रण इस कार्यक्रम में देखते ही बनता है ।


सभी धर्मों के अनुयायी इस कार्यक्रम को बड़े आनन्द के साथ देखते थे । आज के व्यस्त जीवन में ऐसा कार्यक्रम बहुत ही सुखद सा प्रतीत होता है । दूरदर्शन से भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों के प्रसारित होने की आशा करता हूँ जो हम बच्चों के कोमल हृदय पर अमिट छाप छोड़ सकेंगे ।


Ankitashah: nibandh nhi dairy writing chahiye
Ankitashah: please answer it
Similar questions